Rajasthan: दिवाली पर जोधपुर को मिलेगी बड़ी सौगात, 480 करोड़ की लागत से बन रहा एयरपोर्ट टर्मिनल; केंद्रीय मंत्री ने लिया जायजा

Rajasthan: केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने जोधपुर हवाई अड्डा पहुंचकर निर्माणाधीन टर्मिनल भवन का जायजा लिया। काम को देखते हुए उन्होंने प्रसन्नता जाहिर की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भूतपूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को धन्यवाद देते हुए कहा कि इससे शहरवासियों का तीन दशक पुराना सपना पूरा हुआ है।
आज जोधपुर पहुंचकर एयरपोर्ट के निर्माणाधीन टर्मिनल भवन का जायजा लिया और जरूरी निर्देश दिए।
— Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) April 18, 2025
- लगभग ₹480 करोड़ की लागत से यह टर्मिनल बन रहा है ।
- इसमें जोधपुरी छीतर पत्थर का काम विशेष आकर्षण होगा।
- जोधपुर की संस्कृति की झलक के साथ वर्ल्ड क्लास सुविधाएं भी होंगी।
- क्षेत्र… pic.twitter.com/Dove5AJ3jk
केंद्रीय मंत्री ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर दी। उन्होंने लिखा कि आज जोधपुर पहुंचकर एयरपोर्ट के निर्माणाधीन टर्मिनल भवन का जायजा लिया और जरूरी निर्देश दिए। यह टर्मिनल लगभग ₹480 करोड़ की लागत से बन रहा है। इसमें जोधपुरी छीतर पत्थर का काम विशेष आकर्षण होगा। जोधपुर की संस्कृति की झलक के साथ वर्ल्ड क्लास सुविधाएं भी होंगी। क्षेत्र के आर्थिक मॉडल को ध्यान में रखकर इसे तैयार किया जा रहा है। नए टर्मिनल के निर्माण से विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
विकास के लिए जरूरी था हवाई अड्डे का विस्तार
इसके बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत की। जिसमें बताया कि जोधपुर के हवाई अड्डे का विकास शहर की व्यावसायिक और शैक्षिक जरूरतों के लिए बेहद जरूरी था, जो अब पूरा होने जा रहा है। जोधपुर में हैंडीक्राफ्ट, स्टील, टेक्सटाइल, पत्थर, रसायन और इंजीनियरिंग जैसे उद्योगों के निर्यात की बड़ी संभावनाएं हैं। इसके अलावा एम्स, एनएलयू, आईआईटी, फुटवियर डिजाइनिंग और फैशन डिजाइनिंग जैसे उच्च शिक्षण संस्थान शहर को खास बनाते हैं। इसको देखते हुए जोधपुर को एक आधुनिक हवाई अड्डे की जरूरत थी।
जमीन की आई थी समस्या
हवाई अड्डे के विस्तार में दो बड़ी बाधाएं थीं। लेकिन उन बाधाओं को पार करते हुए सरकार ने रास्ता निकाला। यहां पर पहले जमीन की कमी आई। क्योंकि आजादी के बाद से हवाई अड्डे का ज्यादातर हिस्सा वायुसेना के पास था। जबकि दूसरा हिस्सा सिविल टर्मिनल ही एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पास था। वहीं इसके अलावा सीटीआई-3 सिस्टम और ऑटोमैटिक लैंडिंग की सुविधा न होने से रात में विमान का न उतर पाना दूसरी समस्या थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भूतपूर्व रक्षा मंत्री को दिया धन्यवाद
इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भूतपूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को धन्यवाद दिया। उन्होंने बताया कि जमीन की समस्या को हल करने के लिए मनोहर पर्रिकर ने अहम भूमिका निभाई। पीएम मोदी के निर्देश पर पर्रिकर ने राज्य सरकार, नगर निगम और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के साथ मिलकर 37 एकड़ जमीन दिलवाई, जिसके बाद विस्तार का रास्ता साफ हुआ।