Saurabh Sharma Case: सौरभ शर्मा का एक और साथी गिरफ्तार, शरद जायसवाल को लोकायुक्त ने किया कोर्ट में पेश

Sharad Jaiswal Arrest
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Sharad Jaiswal Arrest
Saurabh Sharma Case: लोकायुक्त पुलिस ने बुधवार को आरटीओ के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा के करीबी दोस्त और बिजनेस पार्टनर शरद जायसवाल को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने शरद को दोपहर सवा तीन बजे गिरफ्तार किया और उसे कोर्ट में पेश किया

Saurabh Sharma Case: लोकायुक्त पुलिस ने बुधवार को आरटीओ के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा के करीबी दोस्त और बिजनेस पार्टनर शरद जायसवाल को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने शरद को दोपहर सवा तीन बजे गिरफ्तार किया और उसे कोर्ट में पेश किया, जहां उसे 6 दिन की रिमांड पर भेज दिया गया। कोर्ट ने आदेश दिया है कि शरद और सौरभ के अन्य सहयोगी चेतन गौर को 4 फरवरी को पुनः पेश किया जाएगा।

शरद जायसवाल, सौरभ शर्मा और चेतन की गिरफ्तारी के बाद मंगलवार को अपने वकील के साथ लोकायुक्त के पास पहुंचे थे, जहां उन्हें हिरासत में लिया गया और रात 8 बजे गिरफ्तारी की गई। शरद ने खुद को बेकसूर बताते हुए कहा कि उसका सौरभ के रेस्टोरेंट और होटल के बिजनेस से कोई सीधा संबंध नहीं था। शरद का कहना था कि सौरभ ने उसके दस्तावेजों का इस्तेमाल कर संपत्तियां खरीदी थीं।

लोकायुक्त द्वारा उठाए गए सवाल

लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ और उसके सहयोगियों की गिरफ्तारी के बाद कई महत्वपूर्ण सवाल उठाए हैं जिनके जवाब की तलाश जारी है। ये सवाल इस प्रकार हैं:

  1. इतने कम समय में सौरभ और उसके सहयोगियों ने इतनी बड़ी मात्रा में प्रॉपर्टी कैसे अर्जित की?
  2. काली कमाई को सोने और चांदी की सिल्लियों में कैसे कन्वर्ट किया जाता था?
  3. अवैध नाकों से खुलेआम वसूली के खेल में और कौन-कौन लोग उनके सहयोगी रहे हैं?
  4. इस कमाई का हिस्सा कहां और किस तक जाता था?

सौरभ और चेतन के वकीलों का पक्ष
सौरभ के वकील राकेश पाराशर ने उसकी जमानत के लिए कोर्ट में गोल्ड कैश से भरी कार से उसका कोई संबंध नहीं होने की बात कही। उन्होंने यह भी बताया कि सौरभ ने पुलिस द्वारा गिरफ्तार न किए जाने पर खुद को पेश करने का प्रस्ताव रखा था और उसकी नीयत साफ थी। वहीं, चेतन गौर के वकील हरीश मेहता ने उसकी रिमांड की मांग का विरोध किया। उन्होंने कहा कि चेतन शुरुआत से ही जांच एजेंसियों का सहयोग कर रहा है और वह लोकायुक्त के बुलावे पर दो बार भी कार्यालय में जा चुका है। उनका यह भी सवाल था कि अगर गिरफ्तारी करनी थी तो पहले क्यों नहीं की गई।

कोर्ट का निर्णय
सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने करीब डेढ़ घंटे तक एप्लिकेशन पढ़ी और फिर अपना आदेश जारी किया। शरद जायसवाल को 6 दिन की रिमांड पर भेज दिया गया है और सौरभ, चेतन और शरद को 4 फरवरी को फिर से कोर्ट में पेश किया जाएगा।

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