कौन है सक्षम नामदेव?: 4 सेकेंड में A से Z तक टाइपिंग कर रचा इतिहास, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज

Saksham Namdev
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14 साल के सक्षम नामदेव ने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज कराया नाम।
मध्यप्रदेश के पन्ना से अच्छी खबर है। 14 साल के सक्षम नामदेव ने इतिहास रच दिया है। महज 4 सेकेंड में A से Z तक टाइपिंग कर इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराया है।

Saksham Namdev: मध्यप्रदेश के पन्ना से अच्छी खबर है। मध्यमवर्गीय परिवार के एक बालक ने गौरवान्वित कर दिया है। 14 साल के सक्षम नामदेव ने इतिहास रच दिया है। महज 4 सेकेंड में A से Z तक टाइपिंग कर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है। एमपी का नाम देश में रोशन करने वाले सक्षम ने नाना-नानी के पास रहकर पढ़ाई की। मामा के इंटरनेट कैफे में बैठकर मुकाम हासिल किया है।

इतनी कम उम्र में रिकॉर्ड बनाने वाला पहला बच्चा
ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 6 अगस्त को सक्षम को रिकॉर्ड मिला है। 14 वर्ष की आयु में रिकॉर्ड बनाने वाला सक्षम देश का पहला बच्चा है। इस सफलता पर रिश्तेदारों ने भी बधाइयां देते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। सक्षम ने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि इस सफलता का श्रेय मेरे मामा राहुल नामदेव को जाता है। उन्होंने ने ही मुझे अच्छी स्पीड से टाइपिंग करना सिखाया और इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में पार्टिसिपेट करने में सहयोग किया।

जानें कौन हैं सक्षम नामदेव?
पन्ना नगर निवासी सक्षम नामदेव अपनी मां लक्ष्मी नामदेव के साथ रहते हैं। सक्षम की मां सिलाई का काम करके भगवान जुगलकिशोर जी के वस्त्र तैयार करती हैं। सिलाई के पैसों से ही मां सक्षम की पढ़ाई-लिखाई का खर्च उठाती हैं। सक्षम 11वीं कक्षा में पढ़ रहा है। पढ़ाई के साथ-साथ अपने मामा राहुल नामदेव के इंटरनेट कैफे में हाथ बंटाता है। सक्षम ने अपनी अद्वितीय टाइपिंग क्षमता से एक ऐसा काम कर दिखाया जिसने सबको आश्चर्यचकित कर दिया।

मामा ने दी सलाह
सक्षम शुरुआत से ही तेज टाइपिंग करता था। सक्षम की कुशलता को देखते हुए मामा ने इंडिया बुक में रिकॉर्ड दर्ज करने की तैयारियों की सलाह दी। मात्र 1 माह में ही सक्षम नामदेव ने आपके लक्ष्य को हासिल कर 4 सेकेंड में ही A से Z तक विथ स्पेश टाइपिंग कर यह मुकाम हासिल किया है।

6 अगस्त को दर्ज हुआ नाम
बता दें कि सक्षम ने मई में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने के लिए अप्लाई किया था। मई माह में ही मिल गया था। लेकिन बुक का प्रिंट उल्टा होने के कारण वापस रिवर्ट कर दिया था। दोबारा अगस्त माह की 6 तारीख को दर्ज हुआ था और सितंबर में पोस्ट के माध्यम से पुरस्कार घर आया है।

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