जबलपुर में धान खरीदी घोटाला: नॉन प्रबंधक समेत 74 के खिलाफ FIR, BJP विधायक की शिकायत पर एक्शन 

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जबलपुर जिला प्रशासन ने धान घोटाले में 74 लोगों के खिलाफ एफआईआर की है। इनमें जिला प्रबंधक सहित नागरिक आपूर्ति निगम के 13 अधिकारी-कर्मचारी, राइस मिलर्स और उपार्जन केंद्र के कर्मचारी शामिल हैं।

Jabalpur Paddy Purchase Scam: मध्य प्रदेश में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी को लेकर बड़ा घोटाला सामने आया है। जबलपुर में प्रशासन ने नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक सहित 74 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू की है। बीजेपी विधायक अजय बिश्नोई की शिकायत पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मामले की जांच कराई थी।

जबलपुर जिला प्रशासन ने धान घोटाले में जिन 74 लोगों के खिलाफ एफआईआर की है, उनमें नागरिक आपूर्ति निगम के 13 कर्मचारी और 17 राइस मिल संचालक शामिल हैं। इनके अलावा 44 सोसाइटी व उपार्जन केंद्र के कर्मचारियों को भी आरोपी बनाया गया है। इन्होंने फर्जी आरो के जरिए फर्जीवाड़ा किया है।

जबलपुर में 3 लाख 81 हजार मीट्रिक टन धान खरीदी में पहले भी अनियमितताएं सामने आई हैं। इस मामले में 22 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इस फर्जीवाड़े में समिति प्रबंधक, खरीदी केंद्र प्रभारी, कंप्यूटर ऑपरेटर और वेयर हाउस संचालक शामिल हैं।

जांच में मिलीं यह गड़बड़ियां
पाटन से बीजेपी विधायक अजय बिश्नोई ने जिला प्रशासन से शिकायत की थी। अधिकारियों ने जांच शुरू की तो पता चला कि राइस मिलर्स ने धान का उठाव नहीं किया। दलालों के जरिए उन्होंने समर्थन मूल्य पर खरीदी गई धान यहां-वहां करा दी। धान की मिलिंग के लिए 17 बाहरी मिलर्स ने एग्रीमेंट किया था, लेकिन धान नहीं उठवाई।

फर्जी नंबर वाले वाहनों से परिवहन
जिला प्रशासन की जांच टीम ने टोल नाकों से धान परिवहन में लगे ट्रकों की लिस्ट मंगवाई तो पता चला कि जिन ट्रकों के नंबर दर्ज किए गए हैं, वह तो टोल नाकों से गुजरे ही नहीं। उनकी जगह फर्जी रजिस्ट्रेशन वाली गाड़ियों से धान का परिवहन कराया गया।

टोल नाकों से गुजरे 15 ट्रक
जांच रिपोर्ट के मुताबिक, 1 लाख 31 हजार क्विंटल से अधिक धान फर्जी नंबर वाले वाहनों से ढोई गई है। रजिस्टर्ड नंबरों के ट्रक 614 ट्रिप गुजरने थे, लेकिन टोल पर्ची और सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि 15 ट्रक ही यहां से गुजरे हैं।

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