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Buddha Purnima 2024: वैशाख माह की बुद्ध पूर्णिमा पर गुरुवार को नर्मदापुरम, जबलपुर, ओंकारेश्वर, अमरकंटक में नर्मदा के तटों पर श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। उज्जैन में शिप्रा के तटों पर भी भीड़ है। सुबह से ही स्नान और धार्मिक अनुष्ठान का सिलसिला जारी है।

Buddha Purnima 2024: वैशाख माह की बुद्ध पूर्णिमा गुरुवार यानी आज है। नर्मदापुरम, जबलपुर, ओंकारेश्वर, अमरकंटक में नर्मदा के तटों पर श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। सुबह 5 बजे से ही नर्मदा तटों पर स्नान-धान, पूजन-पाठ और धार्मिक अनुष्ठान का सिलसिला जारी है। उज्जैन में शिप्रा के तटों पर भी भीड़ है। बता दें कि वैशाख माह में गंगा, यमुना, नर्मदा, शिप्रा, गोदावरी जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है। कई भक्त पूरे वैशाख माह में रोज नदी स्नान करते हैं। वैशाख पूर्णिमा पर जो लोग नदी स्नान नहीं कर पा रहे हैं, उन्हें पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए। 

शाम को होगी महाआरती 
नर्मदापुरम के सेठानी समेत सभी घाटों पर पावन स्नान करने के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से आए। शाम को नर्मदा के सेठानी घाट पर महाआरती और दीपदान होगा। नर्मदा तटों पर सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस और होमगार्ड जवानों की तैनाती की गई है। श्रद्धालुओं को गहरे पानी से रोकने के लिए अनाउंसमेंट किया जा रहा है।

कल से ज्येष्ठ मास शुरू होगा 
ज्योतिषाचार्य कहते हैं वैशाख मास पूर्ण पवित्र माह माना गया है। वैशाखी पूर्णिमा पर वैशाख मास का समापन भी है। इस दिन स्नान दान की परंपरा है। आज वैशाख खत्म होगा और कल 24 मई से ज्येष्ठ मास शुरू हो जाएगा। जो लोग वैशाख माह में दान धर्म नहीं कर पाए हैं, वे इस दिन दान धर्म कर स्नान परंपरा के माध्यम से पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। 

पीपल की पूजा जरूर करें 
नर्मदापुरम के  ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज व्यास कहते हैं कि पूर्णिमा पर पीपल की पूजा करने से सभी देवी-देवताओं की पूजा करने का पुण्य मिल जाता है। पूर्णिमा पर पितरों के लिए किए गए धूप-ध्यान से पितर देवता तृप्त होते हैं। आज दोपहर 12 बजे के पितरों के लिए धूप-ध्यान करें। 
आज शाम सूर्यास्त के बाद तुलसी के पास दीपक जरूर जलाएं। वैशाख पूर्णिमा पर भगवान विष्णु और देवी महालक्ष्मी का विशेष अभिषेक करना चाहिए। गुरु ग्रह के लिए भी पूजन करना चाहिए। गुरु ग्रह की पूजा शिवलिंग रूप में की जाती है। इसलिए शिवलिंग पर बिल्व पत्र, धतूरा के साथ ही पीले फूल भी चढ़ाएं। बेसन के लड्डू का भोग लगाएं। 

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