UPSC Success Story: सोनीपत की बेटी की संघर्ष भरी कहानी; पिता ने चलाई टैक्सी, समाज ने मारे ताने, फिर...

UPSC Success Story: हरियाणा के कई युवाओं ने यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम क्लियर करके अपना परचम लहराया है। उन्हीं उम्मीदवारों में से एक प्रिया सिवाच हैं, जो कि सोनीपत जिले के गोहाना के घडवाल गांव की रहने वाली हैं। प्रिया सिवाच ने यूपीएससी के एग्जाम में 219वीं रैंक हासिल करके अपने परिवार के साथ-साथ पूरे गांव का नाम रोशन कर दिया। बता दें कि उनके पिता संजय सिवाच एक टैक्सी ड्राइवर का काम करते हैं। यूपीएससी का रिजल्ट आने के बाद जब अगले दिन प्रिया दिल्ली से अपने गांव पहुंची, तो गांव के लोगों ने फूल-मालाओं के साथ उनका शानदार स्वागत किया।
पिता ने टैक्सी चलाकर उठाया पढ़ाई का खर्चा
प्रिया के पिता संजय सिवाच ने बताया कि वह अपनी बेटी की पढ़ाई का खर्चा उठाने के लिए खेती करते हैं। लेकिन उससे बेटी की पढ़ाई का खर्च पूरा नहीं हो पा रहा था, जिसके बाद उन्होंने बचे हुए समय में टैक्सी चलाना शुरू कर दिया। संजय ने बताया कि उनकी बेटी प्रिया ने बचपन से ही सपना देखा था कि वह बड़ी होकर अफसर बनेगी। प्रिया ने अपने पिता से वादा किया था कि वह उन्हें निराश नहीं करेंगी। जिसके बाद उन्होंने कड़ी मेहनत के साथ पढ़ाई की और अपने पिता का सम्मान बढ़ाते हुए यूपीएससी क्लियर किया।
चौथे अटेम्प्ट में क्लियर किया यूपीएससी
बता दें कि प्रिया सिवाच सोनीपत की रहने वाली हैं, जिसके चलते उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई गोहाना से की। इसके बाद हायर एजुकेशन के लिए वह दिल्ली चली गई। प्रिया ने बताया कि दिल्ली में जाकर सिविल सर्विस की तैयारी करना उनके लिए एक सपने की तरह था। प्रिया के इस मुश्किल सफर में उनके पिता हमेशा उनके साथ थे। दिल्ली जैसे शहर में पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए उनके पिता ने बहुत परेशानियों का सामना किया। बता दें कि प्रिया ने अपने शुरुआती तीन अटेम्प्ट में कामयाब नहीं हो पाई थी, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और पढ़ाई पर फोकस किया। इसके बाद प्रिया ने चौथे अटेम्प्ट में यूपीएससी क्लियर करते हुए 219वां रैंक हासिल किया।
'पिता को सुनने पड़े ताने'
संजय सिवाच ने जब प्रिया को पढ़ाई के लिए दिल्ली भेजा, तो उन्हें आर्थिक तंगी के साथ-साथ समाज के ताने भी झेलने पड़े। लोगों का कहना था कि इतनी दूर पढ़ाई के लिए भेजना ठीक नहीं है, लेकिन पिता संजय को अपनी बेटी पर पूरा भरोसा था। उनका विश्वास था कि उनकी बेटी एक दिन जरूर अफसर बनकर घर आएगी। मीडिया से बातचीत के दौरान प्रिया ने खुद इसकी जानकारी दी। प्रिया की इस कामयाबी पर उनका पूरा परिवार बहुत खुश है और गर्व महसूस कर रहा है।