Shambhu Border: किसानों ने फूंका डब्ल्यूटीओ का पुतला, केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ की नारेबाजी

Scene of effigy burning activities at Shambhu border.
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शंभू बॉर्डर पर पुतला फूंकने की गतिविधियों का दृश्य। 
शंभू बॉर्डर पर किसानों ने केंद्र व प्रदेश सरकार का पुतला फूंका। वहीं, किसानों ने ट्रैक्टर मार्च भी निकाला। उधर, सरकार चंडीगढ़ हाइवे खोलने की तैयारी कर रही है।

Ambala: शंभू बॉर्डर पर विश्व व्यापार संगठन के खिलाफ किसानों में भारी गुस्सा दिखा। संगठन के साथ ही किसानों ने केंद्र व राज्य सरकार का 20 फुट ऊंचा पुतला फूंका। साथ ही विश्व व्यापार संगठन के विरोध के साथ केंद्र व हरियाणा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी। कई गांवों व कस्बों में भी किसानों ने पुतले जलाकर रोष जताया। फिलहाल 29 फरवरी तक किसानों के दिल्ली कूच टलने से अब शंभू बॉर्डर पर पूरी तरह से शांति दिख रही है। किसानों की गतिविधियां कमजोर पड़ने से अब बॉर्डर पर मोर्चा संभाले बैठे पुलिस व पैरा मिलिट्री के जवान भी राहत की सांस ले रहे हैं।

एमएसपी के लिए डब्लयूटीओ बाधा

डब्लयूटीओ को लेकर सोमवार को किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि एमएसपी गारंटी कानून के लिए डब्लयूटीओ बेहद बड़ी बाधा है। अभी तक एमएसपी पर फसल खरीदी जा रही है, वह सिर्फ 6 फीसदी है। हमारी 94 फीसदी फसल की मंडियों में खुली लूट हो रही है। केंद्र सरकार कह रही है कि हम 13 फीसदी फसल की एमएसपी पर खरीद कर रहे हैं। अगर सरकार की मान लें तो 87 फीसदी फसल की लूट हो रही है। अमेरिका में किसानों को 85 हजार डॉलर सब्सिडी दी जा रही है तो भारत में 258 डॉलर दी जा रही है। इसमें काफी अंतर है। सरकार ने पहले भी डब्लयूटीओ में एमएसपी पर ज्यादा खरीद के बाद माफी मांगी थी। एमएसपी लीगल गारंटी कानून बनने से महंगाई बढ़ जाएगी, ऐसा कुछ नहीं है वे इससे सहमत नहीं।

किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकाला

किसानों की ओर से सोमवार को ट्रैक्टर मार्च निकाला गया। कस्बों में दिनभर किसान ट्रैक्टर लेकर घूमते रहे। इस दौरान केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ भी नारेबाजी की गई। किसानों ने कहा किसान यूनियन की ओर से ट्रैक्टर मार्च की कॉल की थी। इसी वजह से सभी किसान ट्रैक्टरों पर सवार होकर निकले हैं। इस दौरान किसानों ने कई जगह केंद्र व राज्य सरकार के पुतले जलाकर रोष प्रकट किया।

चंडीगढ़ हाइवे खोलने की तैयारी

पुलिस की ओर से अब अंबाला चंडीगढ़ नेशनल हाइवे को खोलने की तैयारी हो रही है। यह हाइवे बंद होने से वाहन चालकों को बेहद दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। चंडीगढ़ हाइवे बंद होने से सबसे ज्यादा लोगों को दिक्कतें आ रही हैं। अंबाला से चंडीगढ़ तक जाना लोगों के लिए मुसीबत बना हुआ था। खासकर नौकरीपेशा लोग हाइवे बंद होने से बेहद परेशान हैं। क्योंकि इन लोगों को चंडीगढ़ तक जाने के लिए लंबा रास्ता तय करना पड़ रहा है। अब रास्ता खुलने से लोगों को राहत मिलने की बात कही जा रही है।

दूसरे बॉर्डर खोलने पर हो सकता है फैसला

किसानों के दिल्ली कूच की वजह से राज्य सरकार की ओर से अंबाला-चंडीगढ़ के साथ अंबाला-काला अंब, अंबाला-हिसार व दिल्ली-अमृतसर समेत पांच हाइवे को बंद कर दिया गया था। इन हाइवे के बंद होने से लोग बेहद परेशान हैं। राज्य सरकार दिल्ली-अमृतसर नेशनल हाइवे को छोड़कर अन्य हाइवे को खोलने का फैसला ले सकती है। कई अधिकारी भी इस बात की पुष्टि कर रहे हैं।

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