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Panipat Municipal Corporation: हरियाणा में पानीपत नगर निगम के अधिकारियों के साथ मिलकर ठेकेदार ने अधूरे निर्माण कार्य को पूरा बताकर 45 लाख का घोटाला किया। इस मामले को लेकर सीएम फ्लाइंग टीम की ओर से पुलिस में केस दर्ज कराया।  

Panipat Municipal Corporation: पानीपत नगर निगम का एक बड़ा घोटाला सामने आया है। इस घोटाले में XEN, JE और ME शामिल बताए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि इन अधिकारियों ने एक ठेकेदार के साथ मिलकर अधूरे निर्माण कार्य को पूरा बताकर पेमेंट कर दी। अब जाकर दो साल बाद इस मामले का खुलासा किया गया है। इसकी जांच सीएम फ्लाइंग टीम द्वारा की गई।

कई धाराओं के तहत हुआ केस दर्ज

मामले की पूरी तरह जांच के बाद इसकी शिकायत पुलिस में दी गई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर  ME अजीत कुमार, XEN नवीन कुमार और JE मनोज कुमार सहित ठेकेदार दिलावर सिंह के खिलाफ कई धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है।

2021 में दिया गया था ठेका

सीएम फ्लाइंग के एआई राज सिंह ने जांच के बाद किला थाना पुलिस को इस मामले की शिकायत दी, जिसमें उन्होंने बताया कि 2021 में कोचर स्वीटस से शिव चौक पुजारा स्वीटस वार्ड नंबर 8 में गंदे पानी के नाले के निर्माण कार्य 86.11 लाख रुपये में दी। अमृत को-ऑपरेटिव एल एंड सी सोसाइटी लिमिटेड बुआना लाखु जिला पानीपत के नाम पानीपत नगर निगम द्वारा ठेका दिया गया था। बताया जा रहा है कि इस फर्म का मालिक दिलावर सिंह है।

यह काम अभी तक अधूरा ही है, जबकि ठेकेदार दिलावर ने नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मिलकर 21 फरवरी, 2022 को 54.81 लाख और 16 मार्च, 2022 को 21.86 लाख रुपये लिए गए थे।

ठेकेदार दिलावर सिंह ने जांच के दौरान बताया कि इस निर्माण कार्य से संबंधित रिकाॅर्ड प्राप्त किए गए हैं। जिस रिकॉर्ड में निर्माण कार्य की भौतिक जांच प्रवीण छिक्कारा, उपमंडल इंजीनियर और तरुण कुमार जूनियर इंजीनियर लोक निर्माण विभाग पानीपत से करवाई गई।

जांच में आया सामने

इस जांच में JE मनोज कुमार और ठेकेदार दिलावर सिंह की मौजूदगी में पानीपत  नगर निगम ने भरी हुई रिपोर्ट (मापक पुस्तिका) के अनुसार की गई। जिस रिपोर्ट के आधार पर पता चला कि नगर निगम के अधिकारियों द्वारा 1284.7 मीटर लंबाई निर्माण कार्य का एस्टीमेट स्वीकार किया गया है।

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टीम ने मौके पर छानबीन की तो केवल 892 मीटर क्षेत्र मिला, जिसमें से 372 मीटर क्षेत्र का ही कार्य निर्माण किया गया है और ठेका कंपनी को 1290 मीटर कार्य निर्माण की झूठी रिपोर्ट तैयार करके पेमेंट कर दी गई थी। आरोपियों ने झूठी रिपोर्ट के आधार पर 45 लाख रुपये का घोटाला किया है। 

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