चंडीगढ़ में बोले पी.चिदंबरम: हरियाणा बदलाव के लिए तैयार, भाजपा 10 सालों में हर मोर्चे पर रही विफल

Former Finance and Home Minister P. Chidambaram talking to reporters in Chandigarh.
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चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत करते पूर्व वित्त एवं गृह मंत्री पी. चिदंबरम। 
पूर्व वित्त एवं गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि पहले खट्टर और बाद में नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार हर मोर्चे पर विफल रही।

चंडीगढ़: वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त एवं गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि पहले खट्टर और बाद में नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार हर मोर्चे पर विफल रही। आज हरियाणा की अर्थव्यवस्था देश में सबसे अधिक खराब स्थिति में है। आंकड़ों से लैस चिदम्बरम ने हरियाणा की शोचनीय आर्थिक स्थिति का संपूर्ण लेखा जोखा पेश किया और कृषि, बेरोजगारी व राज्य की अर्थव्यवस्था के समग्र स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित किया।

किसानों ने प्रति सरकार का रहा उदासीन रवैया

पी. चिदंबरम ने कहा कि किसानों को लेकर सरकार का उदासीन रवैया रहा, जिसके कारण किसानों को आंदोलन करना पड़ा। हरियाणा के एक औसत परिवार पर 2014 में लगभग 79000 रुपए का कर्ज था जो पांच साल बाद बढ़कर 1,82,922 रुपए हो गया। यह अब तक और भी आगे बढ़ चुका होगा, क्योंकि ताजा स्थिति के बारे में कोई डेटा उपलब्ध नहीं है। पीएम किसान योजना और फसल बीमा योजना जैसी बहुप्रचारित केंद्रीय योजनाएं हरियाणा के किसानों की स्थिति में सुधार करने में विफल रही। फसल बीमा योजना भी पूरी तरह से विफल रही।

किसानों पर अपनाई दमन व हिंसा की नीति

चिदंबरम ने कहा कि किसानों की समस्याओं का समाधान करने की बजाय खट्टर सरकार ने किसानों के खिलाफ दमन और हिंसा की नीति अपनाई। किसानों के खिलाफ 250 से अधिक एफआईआर दर्ज की गई, इनमें से कुछ ऐसे अपराधों के लिए थी जो उन्होंने कभी किए ही नहीं। इससे पूरी तरह साबित हो गया कि लोकतांत्रिक अधिकारों का दमन करना भाजपा का चरित्र है और यह राज्य सरकार का रवैया केंद्र सरकार जैसा ही है। बीजेपी से किसानों को कभी न्याय नहीं मिलेगा और उसे दंडित करने का सबसे अच्छा तरीका उसे सत्ता से बाहर करना है।

प्रदेश में बेरोजगारी बड़ा मुद्दा

बेरोजगारी को लेकर पी. चिदंबरम ने हरियाणा भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि हरियाणा में बेरोजगारी के आंकड़े देश में सबसे खराब हैं। सीएमआईई के आंकड़ों के अनुसार हरियाणा की बेरोजगारी दर 37.4 प्रतिशत है। सरकार की अपनी श्रम सर्वेक्षण रिपोर्ट में भी हरियाणा में बेरोजगारी का आंकड़ा 9 प्रतिशत बताया गया है, जबकि राष्ट्रीय औसत 4.1 प्रतिशत है। इससे साबित होता है कि हरियाणा में बेरोजगारी राष्ट्रीय औसत से दोगुनी से भी ज्यादा है। हरियाणा में 4.5 लाख नियमित सरकारी पद हैं, जिनमें से 1.8 लाख खाली हैं।

अग्निवीर योजना ने सेना को पहुंचाया नुकसान

चिदम्बरम ने अग्निवीर योजना पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि इस योजना ने हमारे रक्षा बलों को नुकसान पहुंचाया है। हमारी सैन्य तैयारियों को खतरे में डाला है और हमारे युवाओं को नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में आएगी तो इस योजना को खत्म कर दिया जाएगा। हरियाणा की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। मैन्युफैक्चरिंग सुस्त पड़ गई है। 2022-23 के बाद से इस क्षेत्र में केवल एक प्रतिशत हिस्सेदारी हरियाणा के हिस्से में आई है और बाकी 99 प्रतिशत अन्य राज्यों में चली गई। हरियाणा राज्य कर्ज के जाल में फंस गया है, क्योंकि वह अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से कहीं अधिक कर्ज ले रहा है।

हरियाणा कांग्रेस में नहीं गुटबाजी

पूर्व वित्तमंत्री ने कहा कि हरियाणा कांग्रेस में कोई गुटबाज़ी नहीं है। प्रत्येक राज्य में 2, 3 या 4 नेता हैं जो खुद को अग्रणी मानते हैं और इसमें कुछ भी गलत नहीं है, क्योंकि यह स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करता है। सीएम चेहरे को लेकर पी. चिदंबरम ने कहा कि आम तौर पर कांग्रेस ऐसा नहीं करती है और सामान्य प्रक्रिया यह है कि चुनाव के बाद विधायकों से उनकी पसंद के बारे में पूछा जाता है। उसके आधार पर आलाकमान अंतिम निर्णय लेता है। राज्य में प्रबल सत्ता विरोधी धारा बह रही है और प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं अच्छा प्रदर्शन न करने वाले एम.एल. खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को लाकर इसे स्वीकार किया है।

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