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No-confidence Motion Against Manohar Lal Government: हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू हो चुका है। कांग्रेस इस बार बीजेपी को घेरने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लेकर आने वाली है। यह प्रस्ताव पास होगा या गिरेगा, पढ़िये ये रिपोर्ट...

No-confidence Motion Against Manohar Lal Government: हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू हो चुका है। यह बजट सत्र 28 फरवरी तक चलेगा। सीएम मनोहर लाल की सरकार के खिलाफ कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएंगे। यह प्रस्ताव 28 फरवरी को लाया जाएगा। खास बात है कि कांग्रेस की ओर से यह दूसरा प्रयास होगा, जिसमें हरियाणा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा। पहले प्रयास में कांग्रेस बुरी तरह से हार गई थी, लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले यह प्रस्ताव लाना दर्शाता है कि शायद बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस खेला करना चाह रही है। हालांकि आंकड़ों पर नजर डालें तो लगता नहीं कि मनोहर सरकार को गिराने का यह दूसरा प्रयास सफल हो सकता है।

मनोहर सरकार के खिलाफ पहला अविश्वास प्रस्ताव कब आया

सीएम मनोहर लाल की सरकार के खिलाफ 10 मार्च 2011 को पहली बार अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया था। रोजगार, भ्रष्टाचार समेत कई मुद्दों को उठाते हुए भूपेंद्र हुड्डा यह प्रस्ताव लेकर आए थे। हालांकि जब इस प्रस्ताव पर वोटिंग हुई, तो कांग्रेस को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा। इस प्रस्ताव के पक्ष में महज 35 वोट पड़े, जबकि 55 वोटों के साथ बीजेपी सत्ता में बनी रही। अब 13 साल बाद कांग्रेस फिर से बीजेपी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आ रहे हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस के दिग्गज नेता भूपेंद्र हुड्डा इस बार 'खेला' कर पाने में सफल हो पाएंगे या नहीं।

45 विधायकों का चाहिए समर्थन

हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव पास होने के लिए कांग्रेस के पास कम से कम 45 विधायकों का समर्थन होना चाहिए। बीजेपी की बात करें तो हरियाणा विधानसभा में उसके 41 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास महज 30 विधायक है। इसके अलावा, जेजेपी के 10, हलोपा का एक, इनेलो का एक और निर्दलीय विधायकों की संख्या 7 है। जेजेपी का बीजेपी के साथ गठबंधन है, वहीं हलोपा और छह निर्दलीय विधायक भी बीजेपी के साथ हैं। इतनी मजबूत स्थिति के बाद भी कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लेकर आ रही है, जिससे सभी का चौंकना लाजमी है।

ये है अविश्वास प्रस्ताव लाने की वजह

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा का कहना है कि राज्य में लगातार आपराधिक वारदातें बढ़ रही हैं। राज्य में बेरोजगारी और महंगाई बढ़ रही है। शिक्षा, स्वास्थ्य समेत अन्य विभागों में भी हजारों पद खाली हैं। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि प्रदेश में रोजाना नए घोटाले सामने आ रहे हैं। सहकारिता विभाग में 100 करोड़ का घोटाला सामने आया था, जिसे अब 500 करोड़ का बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नौकरियों में पादर्शिता का दावा भी फर्जी है। कर्मचारी चयन आयोग के बाहर ही प्रदर्शन चलते रहते हैं। किसान हो, छात्र हो, महिलाएं हो या बुजुर्ग, सभी को परेशानियां झेलनी पड़ रही है। इन सबके चलते कांग्रेस विधायक दल ने बैठक में फैसला लिया था कि सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखा जाएगा।

बजट सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग 

बता दें कि बजट सत्र की अवधि को लेकर भी कांग्रेस असंतुष्ट है। यह बजट सत्र 20 फरवरी से शुरू होकर 28 फरवरी तक चलना था। कांग्रेस की मांग है कि इस अवधि को बढ़ाना चाहिए। सीएम मनोहर लाल का कहना है कि कई मुद्दे हैं, जिन पर विस्तार से चर्चा होनी चाहिए। ऐसे में इस अवधि का विस्तार होना चाहिए। 

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