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हरियाणा की कमान संभालने के बाद मुख्यमंत्री नायब सैनी मंगलवार को पहली बार अंबाला पहुंचे। भाजपा के वरिष्ठ नेता अनिल विज सीएम के कार्यक्रम से दूर रहे। जिससे ताजपोशी के लिए नायब सैनी का नाम शुरू करने के समय शुरू हुआ राजनीतिक विवाद बढ़ने के विवाद फिर शुरू हो गए।

अंबाला। मुख्यमंत्री नायब सैनी 12 मार्च को प्रदेश की कमान संभालने के बाद मंगलवार को पहली बार अंबाला पहुंचे। जहां कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया, परंतु पूर्व गृहमंत्री अनिल विज की कार्यक्रम से दूरी ने नायब सैनी को मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर विज की नाराजगी के कयासों को एक बार फिर हवा दे दी। अपने कार्यक्रम के दौरान नायब सैनी ने अंबाला के गुरूद्वारा में पहुंचकर मत्था टेका और प्रदेश की सभी 10 लोकसभा सीट जीतने का दावा किया। मुख्यमंत्री चंडीगढ़ से करनाल भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की रैली में शामिल होने के लिए करनाल जाते समय अंबाला में रूके थे।

शास्त्री नगर स्थित अपने आवास पर पहुंचे सीएम

मुख्यमंत्री नायब सैनी चंडीगढ़ से करनाल जाते समय अंबाला की शास्त्री नगर कालोनी में अपने आवास पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि मैं विधानसभा चुनाव लड़कर विधानसभा में जाऊंगा। 2019 की तरह भाजपा एक बार फिर प्रदेश की सभी 10 लोकसभा सीटों पर कमल खिलाकर मोदी को सौंपेगी। 

पार्टी की एक्टिव कार्यकर्ता हैं बंतों कटारिया

पूर्व सांसद रत्नलाल कटारिया की पत्नी बंतों कटरियों को अंबाला लोकसभा से उम्मीदवार बनाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बंतों भाजपा की सक्रिय कार्यकर्ता हैं। इसे परिवादवाद से जोड़ना गलत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सभी 10 लोकसभा सीटों पर मोदी स्वयं चुनाव लड़ रहे हैं। हर सीट पर एक कार्यकर्ता को उम्मीदवार बनाया है, जो मोदी का सिपाही बनकर लोगों के बीच में काम करेगा। 

विज ने तोड़ी थी चुप्पी 

अंबाला छावनी में शहीद भगत सिंह की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे अनिल विज ने नाराजगी की चर्चाओं को खारिज करते हुए कहा था कि नायब सैनी उनके छोटे भाई है। अब तक जो किया है अच्छा किया है और उम्मीद है कि नायब सैनी बेहतरीन काम करेंगे। मंत्रीमंडल विस्तार के बारे में पूछने पर विज ने कहा कि था शपथ ग्रहण के बाद उनसे किसी ने संपर्क नहीं किया है। 

नाराजगी की बात से था विज किया था इनकार

दो दिन पहले अंबाला छावनी में उपमंडल कार्यालय शहीद भगत सिंह की प्रतिमा के अनावरण के दौरान विधायक अनिल विज ने अपनी चुप्पी तोड़ी थी। उन्होंने कहा था कि वह किसी से नाराज नहीं हैं। मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर उन्हें कोई जानकारी नहीं थी और उन्हें उनसे किसी ने संपर्क भी नहीं किया था।
 

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