हरियाणा के चुनावी रण में किसका बेड़ा-पार: 10 लोकसभा... मैदान में 223 उम्मीदवार, बीजेपी-कांग्रेस में टक्कर, इनेलो और JJP की ये स्थिति

Dushyant Chautala Bhupindra Hooda Nayab Saini Abhay Chautala
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भूपेंद्र हुड्डा, दुष्यंत चौटाला, नायब सैनी, अभय चौटाला
हरियाणा में नामांकन वापसी के बाद 10 लोकसभा सीटों पर कुल 223 उम्मीदवार मैदान में हैं। इस बार के लोकसभा चुनाव में बीजेपी हैट्रिक मारती है या फिर किसानों की नाराजगी नुकसान पहुंचाएगी।

Haryana Lok Sabha Election 2024: हरियाणा में लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। हरियाणा में कुल 10 लोकसभा सीटें हैं। यहां नामांकन वापसी के बाद 10 लोकसभा सीटों पर कुल 223 उम्मीदवार बचे हैं। इसके अलावा प्रदेश में करनाल विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है। इस सीट पर सीएम नायब सैनी समेत 9 उम्मीदवार मैदान में हैं। हरियाणा में लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव के लिए एक साथ 25 मई को वोटिंग होगी, जबकि 4 जून को नतीजे आएंगे।

हरियाणा के चुनावी रण में किसका लगेगा बेड़ा-पार

हरियाणा में लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में जमकर आरोप-प्रत्यारोप चल रहा है। हरियाणा में मुख्य तौर पर चार पार्टियों बीजेपी, कांग्रेस, इनेलो और जेजेपी का जोर रहता है। इस बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर चल रही है। प्रदेश में बीजेपी एक बार फिर सभी 10 सीटों पर कब्जा कायम रखना चाहती है। वहीं, कांग्रेस भी बीजेपी को मात देने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।

हरियाणा में बीजेपी की स्थिति

बीजेपी के नेता सभी 10 सीटों पर जीत हासिल कर हैट्रिक मारने का दावा कर रहे हैं, लेकिन इस बार बीजेपी का क्लीन स्वीप कर पाना आसान नहीं दिख रहा है। प्रदेश में बीजेपी उम्मीदवारों को जगह-जगह विरोध का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश में चुनाव प्रभारियों की रिपोर्ट से भी खुलासा हुआ है कि इस बार बीजेपी की स्थिति पार्टी स्तर पर खास नहीं है।

चुनाव प्रभारियों की रिपोर्ट से खुलासा

बीजेपी आलाकमान के पास बीते दिनों चुनाव प्रभारियों की रिपोर्ट पहुंची। चुनाव प्रभारियों ने प्रदेश में किए गए सर्वे की रिपोर्ट बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंपी थी। चुनाव प्रभारियों ने अपनी इस रिपोर्ट में 2 सीटों पर टफ फाइट और बाकी 8 सीटों पर नाराजगी-विरोध का खुलासा किया। चुनाव प्रभारियों की रिपोर्ट में पार्टी की स्थिति सामने आने के बाद हरियाणा चुनाव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की एंट्री हो गई है।

हरियाणा में कांग्रेस की स्थिति

हरियाणा में कांग्रेस ने अपने मजबूत प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है। मजबूत प्रत्याशियों और एंटी इंकम्बेंसी के चलते कांग्रेस के पक्ष में थोड़ी हवा भी बनी हुई है। इस बार कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेताओं तक के टिकट काटे हैं। चुनाव विशेषज्ञों का मानना है कि किसान आंदोलन के नाम पर भाजपा और जजपा प्रत्याशियों के विरोध किए जाने से भी कांग्रेस को फायदा मिलने की संभावना है।

हरियाणा में JJP की स्थिति

हरियाणा में जजपा का भी जमकर विरोध हो रहा है। बीते दिनों दुष्यंत चौटाला की मां नैना चौटाला के काफिले पर हमला तक हुआ था, इसमें कई लोग घायल भी हुए थे। इसके अलावा हरियाणा की जननायक जनता पार्टी पर शिवसेना और NCP की तर्ज पर टूटने खतरा मंडरा रहा है। पार्टी के कई विधायक बागी हो गए हैं। JJP में टूट को लेकर बीते दिनों ही बागी विधायक एवं पूर्व मंत्री देवेंद्र बबली ने संकेत दिए। प्रदेश में जजपा के 10 विधायक हैं, जिसमें से 6 विधायक बागी हो चुके हैं।

इनेलो के लिए अस्तित्व की लड़ाई

हरियाणा में इंडियन नेशनल लोकदल अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। वहीं, लोकसभा चुनाव में इनेलो को शिरोमणि अकाली दल ने समर्थन दिया है। इनेलो के प्रधान महासचिव अभय चौटाला ने इसकी जानकारी देते हुए बताया था कि चौधरी देवीलाल और प्रकाश सिंह बादल के बीच न केवल गहरी दोस्ती थी, बल्कि दोनों परिवारों के बीच भी गहरे संबंध थे। बता दें कि हरियाणा में चौधरी देवीलाल की विरासत को लेकर इनेलो और जजपा में जबरदस्त खींचतान चल रही है। आए दिन दोनों दलों के नेता खुद को देवी लाल का वारिस बताते हैं।

वहीं, हरियाणा के चुनावी रण में किसका बेड़ा-पार लगेगा। इसका फैसला तो 4 जून को साफ हो जाएगा। प्रदेश की जनता किसका साथ देती है और किसको निकारती है।

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