Haryana Land Registry: हरियाणा में प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के नियमों में बदलाव, रजिस्ट्री के लिए नहीं काटने पड़ेंगे सरकारी दफ्तरों के चक्कर

Land Registry: हरियाणा में सरकार ने जमीन रजिस्ट्री के नियमों में बदलाव किया है। अब आपको सरकारी दफ्तरों में जाकर परेशान होने की जरूरत नहीं है। सरकार ने लैंड रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन कर दी है। अब प्रॉपर्टी आईडी के आधार पर ही रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी होगी। बजट सत्र के दौरान केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इसकी जानकारी दी है। बता दें कि पहले ये नियम सिर्फ प्रदेश के 2 जिलों सोनीपत और करनाल में लागू किए जाएंगे। इसके बाद राज्य के सभी जिलों में भी लैंड रजिस्ट्री के नए नियम लागू हो जाएंगे।
जमीन रजिस्ट्री से जुड़े नियमों में हुए ये बदलाव
सरकार ने नियमों में बदलाव करके लैंड रजिस्ट्री करवाना काफी आसान कर दिया है। बता दें कि रजिस्ट्री की प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया है, जिसके बाद अब प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री करवाने के लिए कागजी कार्रवाई नहीं करनी होगी। सारे डॉक्यूमेंट्स डिजिटल फॉर्म में ही जमा किए जाएंगे। इसके अलावा लैंड रजिस्ट्री के लिए किसी को रजिस्ट्रार ऑफिस जाने की जरूरत नहीं होगी। सभी लोग घर बैठे ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर पाएंगे। वहीं, दूसरे नियम के मुताबिक, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन को आधार से लिंक करना होगा। कोई भी व्यक्ति अगर प्रॉपर्टी खरीदता या बेचता है, तो उसे अपना आधार कार्ड लिंक करना होगा। जिसके बाद आधार से बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के बाद ही दूसरे के नाम पर रजिस्ट्री ट्रांसफर करवाया जा सकेगा।
रजिस्ट्री को होगी वीडियो रिकॉर्डिंग
इसके अलावा लैंड रजिस्ट्री की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जाएगी, जिसमें प्रॉपर्टी खरीदने वाले और बेचने वाले का बयान रिकॉर्ड किया जाएगा। बता दें कि यह वीडियो रिकॉर्डिंग सरकारी सर्वर पर सेफ रखेगी, जिससे कि कभी उस प्रॉपर्टी को लेकर कोई विवाद हो, तो उसे सबूत के तौर पर दिखाया जा सके। इतना ही नहीं, रजिस्ट्री की फीस ऑनलाइन ही जमा की जाएगी। इसके लिए डिजिटल पेमेंट गेटवे का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेटबैंकिंग और यूपीआई जैसे ऑप्शन भी उपलब्ध रहेंगे। इस नियम से कैश के फीस जमा करने का प्रावधान खत्म हो जाएगा।
बजट सत्र में केंद्रीय मंत्री ने दी यह जानकारी
हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि पहले शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के अलावा एक अन्य श्रेणी का प्रावधान था। इसकी वजह से कुछ समस्याएं आने लगी थी, जिसके बाद अब सरकार ने इसे समाप्त कर दिया है। बता दें कि अब प्रॉपर्टी आईडी के आधार पर बिना किसी सरकारी दफ्तर के चक्कर लगाए रजिस्ट्री हो सकेगी। इसके अलावा खट्टर ने बताया कि प्रदेश में एक बड़ा मैपिंग प्रोजेक्ट चल रहा है, जिसके तहत शहरी क्षेत्रों की मैपिंग कराई जा रही है। इस प्रक्रिया के बाद नामांतरण की आवश्यकता भी खत्म हो जाएगी।
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