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School Bus Rules in Jind: जींद के जिला प्रशासन ने बड़ा फैसला किया है। इसके तहत जिले में दस साल पुरानी स्कूल बसों का संचालन नहीं होगा। पढ़िये पूरा आदेश...

School Bus Rules in Jind: महेंद्रगढ़ के कनीना में स्कूल बस पलटने से छह बच्चों की मौत के बाद जिला प्रशासन ने भी सख्त निर्णय लिया है। इसके तहत जिले में दस साल पुरानी स्कूल बसों के संचालन पर पाबंदी लगा दी गई है। जिला प्रशासन का कहना है कि अगर इन आदेशों की अवहेलना की जाती है, तो स्कूल प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सड़क सुरक्षा समिति की मंगलवार को डीसी मोहम्मद इमरान रजा की अध्यक्षता में हुई बैठक में स्कूल संचालकों को यह भी निर्देश दिया गया है कि सरकार द्वारा बनाई गई सुरक्षित स्कूल वाहन नीति का पालन करना होगा।

जिला उपायुक्त ने प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अधिकारियों से कहा कि छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए स्कूल वाहनों के लिए सड़क सुरक्षा और सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी सरकार द्वारा बनाई गई है। इस पॉलिसी के तहत विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर स्कूली वाहनों में जरूरी उपकरण और अन्य व्यवस्था होना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि अगर इन आदेशों का उल्लंघन होता है तो संबंधित स्कूल प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। 

जींद में 900 से अधिक स्कूल बसें

जींद में लगभग 900 से भी अधिक स्कूल बसें हैं। इनमें से 50 से अधिक बसें 10 साल से भी ज्यादा पुरानी हैं। दरअसल, छोटे प्राइवेट स्कूल पुरानी बसें खरीद लेते हैं और स्कूल वाहन के रूप में इस्तेमाल करते हैं। पुरानी बसों का नियमित रखरखाव भी नहीं होता है। यही कारण है कि हादसे हो जाते हैं। जिला उपायुक्त ने स्कूल संचालकों को हिदायत दी है कि पुरानी बसों का रखरखाव ठीक करें और सभी जरूरी नियमों का पालन तय करें।  

प्रशासन कर रही स्कूलों के साथ सख्ती  

महेंद्रगढ़ में हुए हादसे के बाद से प्रशासन ने नियमों को पूरा नहीं करने वाली बसों पर सख्ती बरत रही है। कई निजी स्कूल अभी भी बंद हैं। सरकार और प्रशासन की जो सख्ती चल रही है, उनके शांत होने का इंतजार किया जा रहा है। वहीं, शिक्षा विभाग की टीमें भी स्कूलों में जाकर सुरक्षा व्यवस्था चेक कर रही हैं। सवाल यह भी उठाए जा रहे हैं कि इस हादसे से पहले सरकार और प्रशासन कहां थी।

ऑटो का भी कटा चालान  

मंगलवार को जिला परिवहन विभाग की टीम ने उन ऑटो की भी जांच की, जिनमें स्टूडेंट्स मौजूद थे। 10 ऑटो के लगभग 17 हजार रुपये का चालान काटा गया। सहायक परिवहन अधिकारी आनंद ने बताया कि पॉलिसी के अनुसार स्कूल के छात्रों को ऑटो में नहीं बैठाया जा सकता है। इसके लिए स्कूल को बस की व्यवस्था करनी चाहिए।

जिन ऑटो की जांच की गई है, उनमें डीएवी स्कूल और क्राइस्ट राजा स्कूल के विद्यार्थी बैठे हुए थे। कहा जा रहा है कि जिला परिवहन विभाग द्वारा इन दोनों स्कूलों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा जाएगा।  

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वहीं, मौखिक तौर पर जिला परिवहन अधिकारी गिरीश कुमार ने बताया कि जिन बसों का निरीक्षण होना अभी बाकी है, उनका निरीक्षण बोर्ड द्वारा एकलव्य स्टेडियम में 17, 20 , 21, 27 और 28 अप्रैल को निरीक्षण कर फिटनेस प्रमाण- पत्र जारी किया जाएगा। इस शेड्यूल के अनुसार स्कूल संचालक अपनी यहां निरीक्षण के लिए बसें भेज सकते हैं। 

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