Logo
election banner
हरियाणा में लोकसभा चुनावों में गुरुग्राम सीट पर कांग्रेस के सबसे कद्दावर नेता कैप्टन अजय सिंह यादव के लिए टिकट प्रतिष्ठा का सवाल बन चुकी है। इस सीट पर प्रत्याशी की घोषणा कैप्टन के पार्टी में वजन का पैमाना साबित होगी। अगर कैप्टन या उनके पसंदीदा कांग्रेसी को टिकट मिलती है, तो उनके लिए यह हुड्डा खेमे पर बड़ी जीत से कम नहीं होगा। 

नरेन्द्र वत्स, रेवाड़ी: कांग्रेस की गुटबाजी के चलते अभी तक लोकसभा प्रत्याशियों की सूची अटकी हुई है। कांग्रेस में प्रदेश स्तर पर दो गुट टिकटों को लेकर आमने-सामने हैं, तो अहीरवाल में कांग्रेस के सबसे कद्दावर नेता कैप्टन अजय सिंह यादव के लिए गुरुग्राम की टिकट प्रतिष्ठा का सवाल बन चुकी है। इस सीट पर प्रत्याशी की घोषणा कैप्टन के पार्टी में वजन का पैमाना साबित होगी। अगर कैप्टन या उनके पसंदीदा कांग्रेसी को टिकट मिलती है, तो उनके लिए यह हुड्डा खेमे पर बड़ी जीत से कम नहीं होगा।

भूपेंद्र हुड्डा व एसआरके गुट के बीच बढ़ी हुई है तनातनी

पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और एसआरके गुट के बीच टिकटों को लेकर तनातनी काफी बढ़ी हुई है। कैप्टन ने दोनों गुटों से दूरी बनाई हुई है। पहले पूर्व सीएम के काफी करीब होने वाले पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव को अकेले गुरुग्राम सीट पर हुड्डा गुट से संघर्ष करना पड़ रहा है। लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की टिकट के लिए आवेदन की शर्त के बाद से ही नाराज चल रहे वरिष्ठ नेता के लिए टिकट की राह मुश्किल साबित हो रही है। करीब एक साल से चुनावी तैयारी में जुटे रहने के बाद चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा ने उनकी टिकट का रास्ता मुश्किल बना दिया। चुनाव लड़ने से पीछे हटने की घोषणा करते ही पार्टी ने उनके विकल्प की तलाश शुरू की, तो सीट हाथ से निकलने की आशंका से कैप्टन एक बार फिर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हो गए।

भाजपा को टक्कर देने में सबसे सक्षम

गत लोकसभा चुनावों के परिणामों पर नजर दौड़ाई जाए तो कैप्टन गुरुग्राम में भाजपा प्रत्याशी को टक्कर देने में सबसे सक्षम नेता नजर आ रहे हैं। पिछले लोकसभा चुनावों में वह 4.95 लाख वोट हासिल करने में कामयाब रहे थे। लोकसभा क्षेत्र बनने के बाद कांग्रेस के किसी प्रत्याशी ने पहली बार इस सीट पर इतने मत हासिल किए। नूंह जिले के तीनों हलकों में उन्होंने जीत हासिल की थी। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की टिकट पर सांसद बनने वाले राव इंद्रजीत सिंह को भी जीत के बावजूद महज 2.78 लाख वोट ही मिले थे।

टिकट मिलते ही बदल सकता है रुख

पूर्व फिल्म स्टार व कांग्रेसी नेता राज बब्बर को टिकट की चर्चाओं के साथ ही भाजपा प्रत्याशी राव इंद्रजीत सिंह समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई थी। राव समर्थकों का मानना है कि अगर कांग्रेस राज बब्बर को मैदान में उतारती है, तो उससे राव को राज बब्बर के बाहरी होने का पूरा फायदा मिल सकता है। कांग्रेस अगर एक बार फिर से कैप्टन अजय को मैदान में उतारती है, तो वह राव को कड़ी टक्कर देने में पूरी तरह सक्षम हैं। इस सीट पर टिकट को लेकर कैप्टन की प्रतिष्ठा दांव पर नजर आ रही है।

jindal steel
5379487