Shambhu Border पर गरजी महिला पहलवान साक्षी मलिक: यह फसल-नस्ल बचाने की लड़ाई, हाईकोर्ट में सरकार ने पेश किए झूठे तथ्य 

Picture of wrestler Sakshi Malik who reached among the farmers at Shambhu border and women farmers w
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शंभू बॉर्डर पर किसानों के बीच पहुंची पहलवान साक्षी मलिक व बॉर्डर पहुंची महिला किसानों की तस्वीर। 
शंभू बॉर्डर पर महिला पहलवान साक्षी मलिक ने पहुंचकर किसानों में जोश भरा और कहा कि यह लड़ाई फसल व नस्ल को बचाने की है। सरकार ने हाईकोर्ट में झूठे तथ्य पेश किए है।

Ambala: शंभू बॉर्डर पर शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का जलवा दिखा। पूरे दिन महिलाओं ने ही यहां मंच की कमान संभाली। महिला दिवस को लेकर बॉर्डर पर भारी संख्या में महिलाएं पहुंची। मांगों को लेकर पिछले 25 दिनों से किसान यहां डटे हुए हैं। उधर अंतर्राष्ट्रीय महिला पहलवान साक्षी मलिक भी शंभू बॉर्डर पर खूब गरजी। उन्होंने किसानों की मांगों का पुरजोर समर्थन करते हुए हर संभव सहयोग का ऐलान किया और सरकार पर किसानों के प्रति किए जा रहे व्यवहार को लेकर गंभीर आरोप लगाए।

किसानों की फसल-नस्ल बचाने की लड़ाई

मंच से पहलवान साक्षी मलिक ने कहा केंद्र सरकार ने तीन काले कानून वापिस ले लिए थे लेकिन एमएसपी पर गारंटी का कानून नहीं बनाया। दिल्ली में किसान आंदोलन की वह खुद साक्षी रही। उसके साथ महिला पहलवानों ने भी दिल्ली में केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन किया था। उनसे भी सरकार ने कई वायदे किए थे लेकिन कोई पूरा नहीं किया। हमारे साथ किसानों से किया गया हर वायदा पूरा होना चाहिए। यह हमारे हक की लड़ाई है। यह किसानों के हकों की लड़ाई है, फसल बचाने की लड़ाई है। हरियाणा-पंजाब की महिलाएं हमेशा से लड़ती आई हैं। पिछले आंदोलन में कई महिलाएं जख्मी हुई थी लेकिन इसके बावजूद पीछे नहीं हटी। हमने भी जंतर-मंतर पर उन लोगों के खिलाफ लड़ाई लड़ी जो बहन-बेटियों का शोषण करते थे। जब तक आरोपियों को सजा नहीं मिलती, तब तक वे पीछे नहीं हटेंगी।

बेकसूर किसानों पर सरकार कर रही बर्बरतापूर्ण हमले

पहलवान साक्षी मलिक ने कहा कि काफी समय से शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे किसानों पर जुल्म हो रहा है। परेशानी तब होती है, जब बेकसूर किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े जाते हैं। इन हमलों में युवक जख्मी हो रहे हैं। हमारे किसान भाई शुभकरण सिंह को अपने जीवन का बलिदान देना पड़ा। उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। मंच से महिला किसान नेता सुखविंदर कौर, समिता कौर मांगट, गुरप्रीत कौर बराड़, सुखदेव कौर व दीप संधू ने भी खूब गरजते हुए कहा कि सरकार को याद रखना चाहिए कि किसान कौम कभी कुर्बानी से पीछे नहीं हटी। माता गुजरी, छोटे शहीबजादे, रानी लक्ष्मीबाई की कुर्बानी यह साबित करती है महिलाएं हमेशा देश की लिए आगे रहती हैं।

रेल रोको में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेंगी महिलाएं

महिला किसानों ने कहा कि 10 मार्च को होने वाले रेल रोको अभियान में महिलाएं हिस्सा लेंगी। इस दौरान महिलाओं ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा महिलाओं-बच्चों की मोर्चे पर की गई टिप्पणी के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। महिला किसानों ने कहा कि सरकार ने जानबूझकर किसानों के खिलाफ गलत तथ्य अदालत में पेश किए। किसान शांतिमय तरीके से आंदोलन कर रहे हैं । पुलिस के साथ अर्धसैनिक बलों ने ही किसानों पर बर्बरता की है जिसे छुपाने के लिए हरियाणा सरकार ने अदालत में गलत तथ्य पेश किए हैं।

दस सालों में लोगों का विश्वास खत्म

किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि जम्मू कश्मीर में उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बड़े ऐलान की उम्मीद थी। मगर मोदी ने उन्हें निराश किया। पिछले 10 साल में लोगों का सरकार से विश्वास खत्म हुआ है। सरकार ने फैसला कर लिया था कि किसानों को दिल्ली नहीं जाने देना। दोनों बॉर्डरों पर शुक्रवार को 10 हजार महिलाएं एकत्रित हुई। यह आंदोलन लंबा चलेगा। किसानों को इसके लिए पूरी तैयारी करनी पड़ेगी। 10 मार्च को ट्रेन रोकी जाएंगी। वे खुद देवीदासपुरा अमृतसर किसानों को संबोधित करने जाएंगे।

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