किसान आंदोलन: थ्री लेयर बेरिकेटिंग, वन-वे किए रास्ते, बसों के रूट किए डायवर्ट

Barricades installed by the police on Hisar-Rohtak road. Police checking security arrangements
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पुलिस द्वारा हिसार-रोहतक रोड पर लगाए गए बेरिकेटस। सुरक्षा व्यवस्था जांचती पुलिस।
भिवानी में पुलिस पूरी तरह से चौकस नजर आ रही है। पंजाब से दिल्ली जाने वाले मार्ग पर थ्री लेयर बेरिकेटिंग की गई है। साथ ही भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।

Bhiwani: शहर में पूरी तरह से शांति बनी हुई है। जिले के उतरी छोर से गुजर रहे हिसार-रोहतक रोड पर सुरक्षा व्यवस्था को पूरी तरह से चौकस किया गया हे। चूंकि इसी रास्ते पंजाब से दिल्ली की तरफ किसान पहुंचते है, लेकिन इस बार थ्री लेयर बेरिकेटिंग व रास्ते को वन वे करने की वजह से हरेक वाहन को छान-छान कर दिल्ली की तरफ निकाला जा रहा है। दोपहर बाद पंजाब की तरफ से चार-पांच ट्रैक्टर पहुंचे, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी के चलते उनको वापस कर दिया। पूरे दिन इस मार्ग पर पुलिस चौकस रही। पुलिस ने भिवानी हिसार की सीमा पर नहर तथा इसी मार्ग पर रोहतक सीमा पर महम में नाकाबंदी की है। यहां से केवल सरकारी वाहनों या ट्रकों को निकलने दिया जा रहा है। पुलिस पूरी तरह से सतर्क है।

नहर के पुल पर थ्री लेयर बेरिकेटिंग सुरक्षा

जिले के अधिकांश पुलिस बल को उतरी क्षेत्र से गुजर रहे रोड पर तैनात किया गया। पुलिस ने भिवानी व हिसार की सीमा में लगती नहर के पुल पर थ्री लेयर बेरिकेटिंग की। यहां दोनों तरफ के वाहनों को रोक रोक कर निकाला गया। इसी तरह भिवानी रोहतक सीमा में महम के पास पुलिस ने थ्री लेयर बेरिकेट्स की नाकाबंदी की। पुलिस ने इस नाकाबंदी पर केवल सरकारी वाहनों, रोडवेज बसें व ट्रकों को निकलने दिया। यहां से दिल्ली की तरफ जाने वाले ट्रैक्टरों को पूरी तरह से बंद रखा। हांसी भिवानी सीमा पर लगाए गए नाके पर भी वाहनों को रोका गया। यहां पर किसी भी ट्रैक्टर वाले को नहीं निकलने दिया। पूरे दिन पुलिस चौकस नजर आई।

बसों के बदले रूट, यात्रियों की जेबों पर अतिरिक्त बोझ

किसान आंदोलन के चलते अनेक जगहों पर रोड बंद रहा। सीधे किसी भी रोड से वाहन नहीं गुजरे। कहीं न कहीं पर बेरिकेटिंग होने की वजह से वाहनों को दूसरे मार्गो से निकालना पड़ रहा है, जिसका सीधा असर रोडवेज की बसों पर भी पड़ रहा है। भिवानी से दिल्ली के लिए सीधी बसें जा रही है, लेकिन चंडीगढ़ जाने वाले यात्रियों को मोटी परेशानी झेलनी पड़ रही है। उनको अतिरिक्त समय भी गंवाना पड़ रहा है। साथ में उनकी जेब पर अतिरिक्त बोझ भी पड़ गया। ऐसे में भिवानी से चंडीगढ़ जाने वाले लोगों को भिवानी से महम, मुंढाल, बास होते हुए जींद पहुंचना पड़ रहा है। उसके बाद कैथल से पटियाला या फिर अंबाला के रास्ते चंडीगढ़ में प्रवेश मिल पा रहा है।

निजी वाहन चालक काट रहे चांदी

जिन लोगों को रोडवेज या निजी बसों की सहुलियत नहीं मिल पा रही या फिर बस बीच में उतारने पर यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। ऐसे यात्रियों को बीच में अगर कोई गाड़ी करनी पड़ जाए तो उससे निजी वाहन चालक मनमाफिक किराया वसूल रहे है। कई लोग मजबूरीवश निजी वाहनों की बुंकिंग कर रहे है, जिनसे निजी वाहन चालक दोगुना तक किराया वसूल रहे है। इसकी वजह से यात्रियों पर दोहरी मार पड़ रही है।

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