किसान आंदोलन: शंभू बॉर्डर पर किसानों की प्लानिंग, हरियाणा-पंजाब में मतदान से पहले होगा बड़ा ऐलान 

Farmers protesting against the government near Shambhu border
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शंभू बॉर्डर के पास सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते किसान। 
अंबाला में पंजाब एवं हरियाणा में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान से ऐन पहले शंभू बॉर्डर पर डटे किसान बड़ा ऐलान करेंगे। इसके लिए बड़े स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करने की तैयारी चल रही है।

Ambala: पंजाब एवं हरियाणा में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान से ऐन पहले शंभू बॉर्डर पर डटे किसान बड़ा ऐलान करेंगे। इसके लिए बड़े स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करने की तैयारी चल रही है। अभी किसानों ने ऐलान को सार्वजनिक नहीं किया है। मगर माना जा रहा है कि केंद्र से मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए कोई रणनीति बनाई जाएगी। 22 मई को यह कार्यक्रम आयोजित होगा। इसी दिन किसानों को शंभू बॉर्डर पर डटे 100 दिन पूरे हो जाएंगे।

लगाया जा रहा है विशाल शैड

शंभू बॉर्डर पर मांगों को लेकर डटे किसानों ने 100 दिन पूरे होने के उपलक्ष्य में बड़े कार्यक्रम के आयोजन की तैयारियां शुरू कर दी है। इसके लिए किसान यहां बड़ा शैड लगाने की तैयारी कर रहे हैं। शंभू बॉर्डर पर बुलडोजर के जरिए खुदाई की जा रही है। टैंट लगाने के लिए बड़े गड्ढे खोदे जा रहे हैं। पहुंचने वाले किसानों को देखते हुए धूप से बचाव के लिए यह बड़ा शैड लगाया जाएगा। इस वाटर प्रूफ टेंट को लेकर बुलडोजर की मदद ली जा रही है। इसको लेकर काफी संख्या में पाइप बॉर्डर पर पहुंच गए हैं। पाइपों को बॉर्डर पर दोनों और जमीन में गाड़ा जा रहा है। यह शेड ठीक उसी जगह लगाया जा रहा है, जहां पर किसान मजदूर मोर्चा ने अपना मंच बनाया हुआ था।

मतदान से पहले होगा ऐलान

लोकसभा चुनाव को लेकर हरियाणा में 25 व पंजाब में एक जून को मतदान होगा। दोनों राज्यों में मतदान से ऐन पहले ही किसानों ने बड़ी मीटिंग बुलाई है। इस मीटिंग में केंद्र सरकार के खिलाफ बड़ा निर्णय लेने की बात कही जा रही है। हालांकि किसान इस निर्णय को अभी सार्वजनिक करने से बच रहे हैं। किसान नेता सहयोगियों को इस कार्यक्रम में पहुंचने की अपील कर रहें हैं। किसान अपनी मांगों को लेकर भारी संख्या में पिछले 95 दिनों से यहां डटे हैं। किसानों ने साफ कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करती, तब तक वे शंभू बॉर्डर से हिलने वाले नहीं हैं।

दिल्ली जाने से हरियाणा सरकार ने रोका

किसान कृषि कानून से जुड़ी मांगों को लेकर दिल्ली कूच करना चाहते थे। 95 दिन पहले किसानों ने शंभू व खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाला था। इसके बाद किसानों ने हरियाणा के रास्ते दिल्ली जाने की योजना बनाई थी। मगर इससे पहले ही हरियाणा सरकार अलर्ट हो गई। सरकार ने किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए शंभू बॉर्डर के पास भारी भरकम बैरिकेड लगा दिए। किसानों ने इन बैरिकेड को हटाने के भी प्रयास किए थे लेकिन खनौरी बॉर्डर पर एक किसान की मौत के बाद किसानों ने अपने निर्णय को स्थगित कर दिया। इसके बाद किसान दोनों बॉर्डरों पर डट गए। तभी से खनौरी व शंभू बॉर्डर पर किसान डेरा जमाए हुए हैं।

भारी संख्या में जुटेंगे किसान

भाकियू शहीद भगत सिंह के प्रवक्ता तेजवीर सिंह पंजोखरा ने बताया कि किसान आंदोलन के 100 दिन पूरा होने पर यहां बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसके लिए शंभू बॉर्डर पर विशाल शैड बनाया जा रहा है। कार्यक्रम को लेकर युद्ध स्तर पर काम चल रहा है। मौके बड़ी तादाद में किसानों को जुटने का आह्वान किया जा रहा है। मतदान से पहले तमाम किसान जत्थेबंदियां सरकार के खिलाफ ठोस निर्णय लेंगी। मोदी सरकार किसानों के साथ बर्बर तरीके से पेश आ रही है। हर किसान सरकार के जुल्म का जवाब देने के लिए तैयार बैठा है।

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