Chandigarh Mayor Election Update: SC में सुनवाई से पहले चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर घमासान, AAP के साथ लोटस ऑपरेशन की आशंका

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मेयर चुनाव पर SC में सुनवाई से पहले चंडीगढ़ में सियासी हलचल।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले पर SC के फैसले से एक दिन पहले कांग्रेस और आप को बड़ा झटका लगा है। दरअसल आ रही है कि आम आदमी पार्टी के तीन पार्षद अपना पाला बदलने वाले हैं।

Chandigarh Mayor Election Update: चंडीगढ़ के मेयर चुनाव मामले में कल यानी 19 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। इससे पहले बड़ी खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका मिलने वाला है। खबरों की मानें तो AAP के तीन पार्षद अपना पाला बदल कर बीजेपी का दामन थामने वाले हैं। इस खबर से जहां आप के लिए बड़ा झटका है, वहीं कांग्रेस भी अचंभित नजर आ रही है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो आप के तीनों पार्षद के बीजेपी में शामिल होते ही मेयर चुनाव में कांग्रेस-आप गठबंधन कमजोर साबित होगा। मतलब यह है कि अगर सुप्रीम कोर्ट मेयर चुनाव को रद्द करके नए सिरे से चुनाव कराना चाहेगी, तो भी बीजेपी का मेयर ही चुना जाएगा।

AAP पार्षदों को मनाने का प्रयास जारी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि ये तीनों पार्षद भूमिगत हो गए हैं। सूत्रों का कहना है कि आप की दो महिला और एक पुरुष पार्षद बीजेपी का दामन थामने वाले हैं। ये तीनों गुरुग्राम में होने वाले भाजपा के एक कार्यक्रम में शामिल होंगे, जहां वे सीएम मनोहर लाल की मौजूदगी में बीजेपी जॉइन करने का ऐलान करेंगे। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस, दोनों जानते हैं कि अगर तीनों पार्षद बीजेपी में चले गए तो मेयर चुनाव जीतना लगभग नामुमकिन हो जाएगा। दरअसल, तीन तीनों पार्षदों के बीजेपी में शामिल होने से चंडीगढ़ नगर निगम में बीजेपी के पास 14 से बढ़कर 17 वोट हो जाएंगे। इसके अलावा सांसद का वोट, जो कि बीजेपी के पक्ष में होगा, उसके हिसाब से कुल वोट 18 हो जाएंगे। चूंकि अभी तक आम आदमी पार्टी के पास 13 और कांग्रेस के पास 7 वोट हैं। अगर आप के तीन वोट घट जाते हैं, तो कुल वोट 10 होंगे। आप और कांग्रेस के गठबंधन के हिसाब से देखा जाए तो कुल 17 वोट होंगे, जबकि बीजेपी के पास 18 वोट होंगे। ऐसे में बताया जा रहा है कि अगर सुप्रीम कोर्ट दोबारा से चुनाव कराने का आदेश देता है, तो भी बीजेपी ही मेयर चुनाव में विजेता घोषित होगी।

कब हुआ था मतदान

गौरतलब है कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव 30 जनवरी को हुआ था। जहां पर इंडिया गठबंधन के घटक दल कांग्रेस और आप ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। इस दौरान मेयर चुनाव में भाजपा के पक्ष में 16 मत पड़े, जबकि आप-कांग्रेस गठबंधन प्रत्याशी को 12 मत मिले, जिसमें आठ मत रद हो गए। आरोप है कि गठबंधन प्रत्याशी को पड़े मत रद किए गए। आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पर चुनाव में धांधली का आरोप लगाया था। बता दें कि सदन में आप व कांग्रेस के 20 पार्षद हैं, जबकि भाजपा के 14 पार्षद हैं और एक सांसद का मत है। शिरोमणि अकाली दल के एक पार्षद ने भी भाजपा के पक्ष में मतदान किया।

कल आएगा सुप्रीम कोर्ट का फैसला

इसका बाद एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें कथित तौर पर गठबंधन के प्रत्याशी का वोट प्रिजाइडिंग ऑफिसर रद्द करते हुए नजर आ रहे हैं। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई में तीन जजों ने मामले को सुना। चीफ जस्टिस ने वायरल वीडियो देखा, जिसमें वह वोटों को कथित रूप से रद्द कर रहे हैं। इसके बाद सीजेआई ने प्रिजाइडिंग ऑफिसर को फटकार लगाते हुए कहा कि यह लोकतंत्र का मजाक है। सीजेआई ने आगे कहा कि हम इस तरह लोकतंत्र की हत्या की इजाजत नहीं दे सकते। इसके बाद सीजेआई ने चुनाव का पूरा वीडियो पेश करने को कहा है और नोटिस भी जारी किया है। अब मामले की सुनवाई कल होनी है। इससे पहले ही आप पार्षदों को अपने पाले में कर बीजेपी समीकरण को बदलना चाह रही है।

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