सेंधमारी गैंग का भंडाफोड़: चोरी के समय साथ चलती थी नकली पुलिस, तीन गिरफ्तार, बत्ती लगी गाड़ी और वर्दी बरामद

Fake Police Theft Gang
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सेंधमारी गैंग का भंडाफोड़
दिल्ली पुलिस ने चोरों के एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया जो वारदात के वक्त नकली पुलिस को साथ लेकर चलते थे। इनके पास से पुलिस ने बत्ती लगी गाड़ी और वर्दी बरामद की।

Fake Police Theft Gang: उत्तरी जिले की सब्जी मंडी पुलिस ने चोरों के एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया जो वारदात के वक्त नकली पुलिस को साथ लेकर चलते थे। नकली पुलिस बाकायदा लाल बत्ती लगी एक गाड़ी और पुलिस की वर्दी में होते थे। यह इसलिए ताकि अगर कोई साथी पकड़ा जाए, तो वे मौके पर पहुंचकर उसे छुड़ा सकें। इनके पास से दिल्ली पुलिस की वर्दी, सायरन और बत्ती लगी एक ब्रेजा कार बरामद हुई है। आरोपी दिल्ली, यूपी और राजस्थान में दर्ज चोरी और सेंधमारी के सैकड़ों मामलों में शामिल पाए गए हैं।

सीसीटीवी कैमरे से लगा पता

उत्तरी जिले के एडिशनल डीसीपी सुधांशु वर्मा ने बताया कि 7 मई को पंजाबी बस्ती में घर का ताला तोड़ तीन लाख की चोरी के सम्बंध में सब्जी मंडी थाने को ऑनलाइन शिकायत मिली थी। स्थानीय थानाध्यक्ष राम मनोहर की टीम ने जांच के दौरान सीसीटीवी कैमरे चेक किए, जिनमें एक फुटेज में संदिग्धों को स्कूटी पर देखा गया। यह स्कूटी शाहदरा थाने से चुराई गई थी।

चोरी का सामान और पुलिस की वर्दी बरामद

एक अन्य फुटेज में बदमाशों के साथ एक ब्रेजा कार को भी देखा गया। यह कार मंडोली के पते पर रजिस्टर्ड मिली। पता चला कि इसका मालिक जाहिद कई साल से कहीं ओर रह रहा है। जाहिद का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड मिला। जाहिद के बारे में जानकारी जुटाई गई और उसे नरेला से पकड़ लिया गया। बाद में उसके घोघा गांव स्थित घर से इसका साथी आजाद भी पकड़ा गया। इनकी निशानदेही पर सेंधमारी के लिए इस्तेमाल होने वाले कई उपकरण, चोरी की घड़ियां और पुलिस की वर्दी बरामद हुई।

चोरी के समय चलती थी नकली पुलिस साथ

पूछताछ में तीसरे साथी अभिषेक का पता चला, जोकि हाल ही में यूपी पुलिस ने आर्म्स एक्ट केस में अरेस्ट किया था। प्रोडक्शन वारंट पर लाकर उससे पूछताछ की गई। इससे चोरी की रकम से खरीदी गई एक बाइक भी बरामद की गई। तीनों आरोपी मूलरूप से हापुड़, यूपी के रहने वाले हैं। आरोपी जाहिद आजाद का रिश्तेदार है। चोरी करने से पहले सभी अलग-अलग इलाकों से स्कूटी चुराते थे। जाहिद उनके साथ अपनी कार में चलता था, जिसमें पुलिस का सायरन लगा होता था। कार के डैशबोर्ड पर बीकन लाइट लगी होती थी, ताकि अगर आजाद और अभिषेक को लोग पकड़ लें तो वह तुरंत पुलिस बनकर मौके पर पहुंच उन्हें छुड़ा सकें।

इस काम के लिए उन्होंने दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर की वर्दी का भी इंतजाम कर रखा था। यह गिरोह ज्यादातर तीसरी चौथी मंजिल की इमारत में बंद फ्लैट को निशाना बनाते थे। जाहिद अली पांच, आजाद 71 और अभिषेक पर 13 केस दर्ज मिले हैं। इन आरोपियों के पकड़े जाने पर चोरी के 12 मामले सुलझाने का दावा किया गया है।

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