'अधिकारी टैक्स के नाम पर लोगों को धमका रहे', राजा इकबाल बोले- केजरीवाल नहीं लाना चाहते आम माफी योजना

Raja Iqbal
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दिल्ली नगर निगम में नेता विपक्ष राजा इकबाल सिंह।
दिल्ली नगर निगम में नेता विपक्ष राजा इकबाल सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार संपत्तिकर के लिए कोई आम माफी योजना लेकर नहीं आ रहे हैं। संपत्तिकर के नाम पर लोगों को डराने और धमकाने का काम किया जा रहा है।

Delhi: दिल्ली नगर निगम में नेता विपक्ष और पूर्व महापौर राजा इकबाल सिंह ने बताया कि एक तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली जल बोर्ड के बिलों के लिए वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लाने की बात कर रहे हैं और वहीं दूसरी ओर संपत्तिकर के लिए कोई आम माफी योजना नहीं लाना चाहते, जिससे उनका दोहरा चेहरा उजागर हो रहा है।

उन्होंने बताया कि दिल्ली नगर निगम में भी आम आदमी पार्टी की सरकार है फिर भी ये लोग संपत्तिकर के लिए कोई आम माफी योजना लेकर नहीं आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि जब भाजपा की सरकार दिल्ली नगर निगम में थी तब हर वर्ष नागरिकों के लिए आम माफी योजना लाई जाती थी, जिसमें बहुत बड़ी संख्या में नागरिक लाभान्वित होते थे। आम आदमी पार्टी को भी समृद्धि योजना की तर्ज पर आम माफी योजना लानी चाहिए। उन्होंने बताया कि आम आदमी पार्टी टैक्स के नाम पर दिल्ली के नागरिकों और व्यापारियों का खून चूसना चाहती है। मगर भाजपा आम आदमी पार्टी के इन मंसूबों को कामयाब नहीं होने देगी।

संपत्ति कर का रिकॉर्ड रखना विभाग की जिम्मेदारी

राजा इकबाल सिंह ने बताया कि आम आदमी पार्टी 2004 से संपत्तिकर के नोटिस नागरिकों को भेज रही है, जिससे नागरिक काफी परेशान हैं। संपत्ति कर का रिकॉर्ड रखना विभाग की जिम्मेदारी होनी चाहिए ना कि नागरिकों की। उन्होंने बताया कि जब से आम आदमी पार्टी ने निगम के सत्ता संभाली है तब से भ्रष्टाचार चरम सीमा पर हैं और नागरिकों को संपत्तिकर के नोटिस भेजकर भयभीत करना इसका एक उदाहरण है। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्तिकर को माफ नहीं किया जा रहा है और अनधिकृत कालोनियों में हाउस टैक्स विभाग के कर्मचारी नागरिकों को डराने व धमकाने का कार्य कर रहे हैं।

ट्रेड लाइसेंस के नाम पर लाखों रुपये के नोटिस भेजे जा रहे

नेता विपक्ष सिंह ने बताया कि एक तरफ आम आदमी पार्टी अपने आपको व्यापारियों को हितैशी बताती है, वहीं दूसरी ओर ये लोग व्यापारियों को हाउस टैक्स और ट्रेड लाइसेंस के नाम पर लाखों रुपये के नोटिस भेज रहे हैं। जिसके कारण दिल्ली का व्यापारी वर्ग काफी परेशान हैं और कहीं भी इनकी समस्या की सुनवाई नहीं हो रही है। इसके साथ ही आम आदमीं पार्टी के भ्रष्टाचार के कारण दिल्ली में अवैध फैक्ट्रियां बेतहाशा बढ़ रही है। निगम अधिकारी नियमन कानून से चल रही फैक्ट्रियों के मालिक को प्रताड़ित करने का कार्य कर रहे हैं।

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