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दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने देश के जाने माने गजल गायक पंकज उधास के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने कहा कि उनका जाना संगीत जगत के लिए बड़ी क्षति है।

Pankaj Udhas Death: देश के जाने माने गजल गायक पंकज उधास का सोमवार को 72 साल की उम्र में निधन हो गया। मशहूर गजल गायक पंकज उधास के निधन पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने शोक जताया है। सीएम केजरीवाल ने कहा कि उनका जाना संगीत जगत की बहुत बड़ी क्षति है। इसको लेकर उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट किया है।

उनका जाना संगीत जगत के लिए बड़ी क्षति- केजरीवाल

सीएम केजरीवाल ने अपनी पोस्ट में लिखा कि मशहूर गजल गायक पंकज उधास के निधन की दुखद सूचना मिली। उनका जाना संगीत जगत की बहुत बड़ी क्षति है। ईश्वर पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें। शोकाकुल परिवार और प्रशंसकों को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।

बेटी ने दी निधन की जानकारी

बता दें कि पंकज उधास की बेटी नायाब ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर अपने पिता के निधन की जानकारी दी। पंकज उधास के गजलों को देश के साथ ही विदेश में भी काफी पसंद किया जाता था। संजय दत्त की मुख्य भूमिका वाली फिल्म 'नाम' के 'चिट्ठी आई है' गीत से उन्हें पूरी दुनिया में पहचान मिली थी। पंकज उधास को 2006 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया था। तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के हाथों से उन्होंने यह पुरस्कार प्राप्त किया था।

गुजरात में हुआ था जन्म

पंकज उधास का जन्म गुजरात के छोटे से गांव जेतपुर में हुआ था। जमींदार परिवार से ताल्लुक रखने वाले पंकज अपने तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। उनका परिवार राजकोट के पास स्थित एक कस्बा चरखाड़ी में रहा करता था। पंकज उधास के दादा गुजरात के भावनगर स्टेट के दीवान के तौर पर सेवाएं दे चुके थे। पंकज के पिता केशुभाई उधास सरकारी नौकरी से रिटायर हुए थे। केशुभाई इसराज बजाने में बेहद दिलचस्पी लिया करते थे।

मां से प्रेरित होकर गीत गाने में बढ़ा इंटरेस्ट

पंकज ने अपनी मां जीतू बेन से प्रेरित होकर गाना सीखा, क्योंकि उनकी मां को गीत गाने का बहुत ज्यादा शौक था। इसकी वजह से ही पंकज के साथ ही उनके भाइयों की भी संगीत में रुचि थी। पंकज के गजल गायक बनने से पहले ही उनके दोनों भाई मनहर और निर्जल उधास म्यूजिक इंडस्ट्री में नाम बना चुके थे। इसे देखते हुए माता-पिता ने पंकज का दाखिला राजकोट स्थित संगीत अकादमी में करवा दिया। यहां से संगीत की शिक्षा लेने के बाद पंकज उधास ने गजल गायकी के क्षेत्र में कदम रखा।

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