Delhi Metro: दिल्ली मेट्रो के गेट में कपड़ा फंसने से नहीं होगी दुर्घटना, सुरक्षा के लिए लगाए जाएंगे ये उपकरण

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दिल्ली मेट्रो के गेट पर लगेंगे एंटी ड्रैग सिस्टम।
Delhi Metro: दिल्ली मेट्रो के गेट में कपड़ा फंसने से कई लोग चोटिल हो चुके हैं। यही नहीं, पिछले दिनों मेट्रो के गेट में साड़ी फंसने से महिला की मौत हुई थी। अब दिल्ली मेट्रो प्रबंधन ने ऐसे हादसे रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है।

दिल्ली मेट्रो के गेट में कपड़ा फंसने से कई यात्री चोटिल हो चुके हैं। हाल में दिल्ली मेट्रो के गेट में साड़ी फंसने से एक महिला यात्री की दर्दनाक मौत हो गई थी। इसके बाद से सवाल उठ रहे थे कि दिल्ली मेट्रो प्रबंधन इस दिशा में क्या कदम उठाएगा। दिल्ली मेट्रो प्रबंधन ने अब ऐलान किया है कि सभी ट्रेनों में एंटी ड्रैग सिस्टम लगाएंगे। इसके लिए टेंडर भी जारी कर दिया गया है। अधिकारियों की मानें तो प्रथम चरण में पांच मेट्रो में यह सेफ्टी फीचर लगाएंगे। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से अन्य ट्रेनों को भी कवर किया जाएगा।

मीडिया रिपोर्ट्स में डीएमआरसी अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि दिल्ली मेट्रो की सभी ट्रेनों में एंटी ड्रैग सिस्टम लगाए जाएंगे। प्रथम चरण में पांच ट्रेनों में यह सिस्टम लगाए जाएंगे। पायलट प्रोजेक्ट के तहत दिलशाद गार्डन से रिठाला के बीच चलने वाली तीन ट्रेनों और गुरुग्राम से समयपुर बादली के बीच चलने वाली दो ट्रेनों में एंटी ड्रैग फीचर लगाए जाएंगे। इस पर करीब 3.55 करोड़ रुपये की लागत आएगी। अधिकारियों ने बताया कि इसके लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं। पायलट प्रोजेक्ट के तहत अगर यह सिस्टम सफल साबित होते हैं, तो इसे अन्य ट्रेनों में भी लगाया जाएगा।

डीएमआरसी को इस सिस्टम पर भरोसा क्यों

दिल्ली मेट्रो अधिकारियों का कहना है कि प्रत्येक ट्रेन का गेट ऑटोमेटिक है, जो 15 एमएम की बाधा को पहचान कर गेट को बंद नहीं होने देता है। एंटी ड्रैग फीचर इससे पतले सामान की भी पहचान कर गेट को बंद नहीं होने देगा। जब तक गेट बंद नहीं होता, तब तक मेट्रो नहीं चल सकती है। ऐसे में उम्मीद है कि अगर किसी यात्री का सामान या कपड़ा, गेट में फंसता है तो दरवाजा बंद नहीं होगा और न ही ट्रेन चलेगी। इससे मेट्रो के गेट में कपड़ा फंसने के कारण दुर्घटना को रोका जा सकेगा।

पुरानी ट्रेनों में भी लगेंगे एंटी ड्रैग सिस्टम

दिल्ली मेट्रो ने पुरानी ट्रेनों में भी एंटी ड्रैग सिस्टम लगाने का फैसला किया है। फर्स्ट फेज में 72 कोच के दरवाजों का नवीनीकरण कर यह सिस्टम लगाया जाएगा। इस पर 60 लाख से अधिक की आगत आएगी। दावा है कि इसके बाद दिल्ली मेट्रो का सफर पूरी तरह से सुरक्षित हो जाएगा और इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन जैसी घटना दोेबारा नहीं होगी।

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