पेंड्रा जेल में मुनिश्री सागर का प्रवचन : प्रभावित होकर अनेक कैदियों ने मांस-मदिरा, धूम्रपान त्यागा 

Pendra District Jail
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पेंड्रा जेल में मुनिश्री सागर का प्रवचन
दिगंबर जैन मुनि पेंड्रारोड जेल में बंद कैदियों को प्रवचन देने पहुंचे। कैदियों ने उनके प्रवचन से प्रभावित होकर मांस-मदिरा, धूम्रपान आदि का त्याग करने का संकल्प लिया है। 

आकाश पवार- पेंड्रा। छत्तीसगढ़ के पेंड्रा जिले के जेल में बंद कैदियों को प्रवचन देने के लिए दिगंबर जैन मुनि शुक्रवार को पेड़ारोड जेल पहुंचे। जहां उन्होंने ने कहा कि, भारत की मिट्टी में जन्मे सब भारत की संतान हैं। हमारी एक जाति मानव और एक धर्म मानवता है।

मुनिश्री पूज्य सागर जी महाराज ने कहा कि, भारत की मिट्टी में जन्मे सब भारत की संतान हैं। भारत भूमि सबकी जननी है। एक जननी से जन्म लेने वाले भाई होते हैं। हमारी एक जाति है मानव और हमारा एक धर्म है। मानवता, भारत के सभी संप्रदायों में परस्पर के भ्रातृत्व के भाव हों क्योंकि कुछ और होने के पहले हम भाई हैं।

कारागृह की दीवारों के अंदर संसार सीमित

संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के सुयोग्य शिष्य पूज्य मुनि श्री पूज्यसागर जी महाराज ने जिला जेल के बंदियों को संबोधित करते हुए कहा , जेल परिसर को कारावास नहीं आश्रम समझकर अपने आचरण में परिवर्तन लायें। पूज्यसागर जी महाराज ने संगत कुसंगत, परिस्थितियों के वशीभूत और आवेश, लोभ लालच में घिरकर अपराध हो गया। प्रत्येक अपराधी को अवांछनीय कृत्य के बाद उसे पश्चाताप होता है। उससे अपना घर परिवार संबंधी संपत्ति सब छूट जाते हैं और कारागृह की दीवारों के अंदर संसार सीमित हो जाता है।

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बंदियों ने प्रवचनों से प्रभावित होकर मांस मदिरा का किया त्याग

उन्होंने ने कहा कि, कारागृह में न तो मांस भक्षण कर सकते न मदिरा पान, न दुराचरण न मनोरंजन मोबाइल का उपभोग, बिल्कुल संत सा जीवन हो जाता है। विवशता में हुये इस सुधार को बाहर आकर भी ऐसा ही जीवन जियें तो आप अनेक पापों से मुक्त हो सकते हैं। बंदियों ने महाराज जी के प्रवचनों से प्रभावित होकर मांस मदिरा, धूम्रपान को त्यागकर सही मार्ग पर चलने का संकल्प लिया है।

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