कबाड़ से जुगाड़ : डाइट परिसर में छात्रों और अध्यापकों ने बनाए क्राफ्ट्स, लगी प्रदर्शनी  

Exhibition held in DIET premises
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डाइट परिसर में लगी प्रदर्शनी
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान डाइट बेमेतरा में आज डीएलएड प्रथम वर्ष के छात्र-अध्यापकों ने कला शिक्षण विषय के अंतर्गत कला एवं क्राफ्ट की बहुत सुंदर प्रदर्शनी लगाई गई।

बेमेतरा। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान डाइट बेमेतरा में आज डीएलएड प्रथम वर्ष के छात्र-अध्यापकों ने कला शिक्षण विषय के अंतर्गत कला एवं क्राफ्ट की बहुत सुंदर प्रदर्शनी लगाई गई। इसके अंतर्गत सभी छात्र अध्यापकों ने वेस्ट मटेरियल का उपयोग कर बहुत सुंदर साज-सजावट की चीजें और घरेलू उपयोग की चीजें बनाई। सभी 100 छात्र और अध्यापकों ने अपने द्वारा बनाई गई क्राफ्ट का प्रदर्शन किया। डाइट बेमेतरा के प्राचार्य जे के घृतलहरे सहित सभी अकादमिक सदस्यों ने इस प्रदर्शनी का निरीक्षण किया।

निरीक्षण करने पहुंचे प्राचार्य और अकादमिक सदस्य

निरीक्षण दल में डॉ बसुबंधु दीवान, अनिल कुमार सोनी, तुकाराम साहू, थलज कुमार साहू, जी एल खुटियारे, राजकुमार वर्मा, यमुना जांगड़े, श्रद्धा तिवारी, आदि शामिल रहे। छात्र अध्यापकों ने कला शिक्षण की प्रभारी और डाइट की वरिष्ठ व्याख्याता उषा किरण पांडेय के निर्देशन में 200 से भी ज्यादा सुंदर क्राफ्ट और हस्तकला का प्रदर्शन किया। इसमें राम मंदिर, चंद्रयान 3 का जीवंत मॉडल, कुतुब मीनार, झोपड़ी, पेन स्टैंड, दीवारों में सजाने के लिए झूमर, फोटो फ्रेम, वृक्ष लगा हुआ गमला, कागज के और फोम के कबूतर, बत्तख, तोता, मेंढक, चिड़िया, झूले, रंग-बिरंगे फूलदान, सजावटी दर्पण, कठपुतली, पानी जहाज, पैग्वीन, नगाड़ा, डांसिंग गर्ल, डस्टबिन, बॉटल, कछुवा, कप प्लेट, झूमर आदि चीजों की प्रदर्शनी लगाई गई है।

Academic member inspecting
निरीक्षण करते हुए अकादमिक सदस्य

अनुपयोगी वस्तुओं से बनाई आकर्षक चीजें

इस अवसर पर संस्थान के प्राचार्य जे के घृतलहरे ने कहा कि, कला शिक्षण के अंतर्गत कबाड़ से जुगाड़ के माध्यम से हम ऐसी अनुपयोगी वस्तुओं को फेंकने की जगह उनसे कुछ उपयोगी वस्तुएं बना सकते हैं। इससे न केवल हमारी अनुपयोगी वस्तुओं को कचरे आदि में फेंकने से प्रदूषण जैसी समस्याओं से मुक्ति मिलेगी, बल्कि उन अनुपयोगी वस्तुओं को किसी उपयोगी उत्पाद में भी बदला जा सकता है। जो चीज किसी काम का नहीं होता उससे पैसे कमाए जाए तो उसे ही कबाड़ से जुगाड कहते हैं। ‘कबाड़ से जुगाड़’ एक शब्द है जिसका इस्तेमाल आमतौर पर भारत में बेकार या फेंकी गई सामग्री से कुछ उपयोगी चीजें बनाने के लिए किया जाता है। इस प्रदर्शनी में सभी छात्र-अध्यापकों के द्वारा बनाई गई चीजें बहुत ही सराहनीय रही। सभी अकादमिक सदस्यों ने इस प्रदर्शनी की खूब प्रशंसा की।

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