108 इमरजेंसी कॉल में मजाक : कोई कर रहा मिस्डकॉल, कोई दे रहा गालियां 

Sanjeevani Ambulance Service, 108 emergency call, Raipur, Health Department
X
108 इमरजेंसी कॉल
प्रदेश में किसी की आपात स्थिति होने पर उसे उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाने के लिए संजीवनी एंबुलेंस सेवा का संचालन किया जा रहा है। जिसका दुरुपयोग करने वाले भी कम नहीं हैं। 

रायपुर। आपातकाल में मदद के लिए उपयोग किए जाने वाले 108 के इमरजेंसी कॉल का लोग इंटरटेनमेंट के लिए उपयोग कर रहे हैं। कोई टाइमपास के लिए यहां फोन लगाता है, तो कोई गाली-गलौज कर अपनी भड़ास निकलता है। आंकड़ों की मानें, तो संजीवनी एंबुलेंस सेवा के कॉल सेंटर का स्टाफ हर महीने औसतन ऐसे 10 हजार फेक कॉल को झेल रहा है। इसमें बच्चों के फोन, फर्जी कॉल के साथ अपमानजक बातें करने वाले कम नहीं हैं।

प्रदेश में किसी की आपात स्थिति होने पर उसे उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाने के लिए संजीवनी एंबुलेंस सेवा का संचालन किया जा रहा है। तत्काल सुविधा के लिए 108 इमरजेंसी कॉल की सुविधा दी गई है, जिसका दुरुपयोग करने वाले भी कम नहीं हैं। जरूरतमंदों को मदद पहुंचाने के लिए कंपनी द्वारा कॉल सेंटर का संचालन किया जाता है, जहां आने वाले हर फोन को अटैंड करना वहां के कर्मचारियों की जिम्मेदारी होती है। आंकड़े चौंकाने वाले हो सकते हैं कि यहां हर माह करीब दस हजार लोग बेफिजूल कॉल कर स्टॉफ को परेशान करते हैं।

फेक कॉल करने वाले भी कम नहीं होते

सबसे ज्यादा दिक्कत उन कॉल से होती है, जो अनर्गल बातें करते हैं। कई तो अपना गुस्सा उतारने के लिए कॉल अटैंड करने वाले पर गालियों की बौछार करते हैं। कई ऐसी सेवा की मांग करते हैं, जो कंपनी के दायरे से बाहर हैं। फेक कॉल करने वाले भी कम नहीं होते और कई रांग नंबर भी कॉल सेंटर में डॉयल किए जाते हैं। कई बार सड़क हादसे अथवा एंबुलेंस सेवा प्राप्त करने नाम पर यहां झूठी जानकारी भी दी जाती है, जिसकी असलियत कॉल सेंटर से मिली सूचना के बाद एंबुलेंस के घटना स्थल पर पहुंचने पर सामने आती है।

चौबीस घंटे में 80 बार आते हैं फोन कॉल

अपना टाइमपास करने के लिए लोग इस आपातकालीन सेवा से जुड़े नंबर का दुरुपयोग करने से बाज नहीं आते। कॉल सेंटर से जुड़े सूत्रों के अनुसार यहां एक दिन में एक ही नंबर से 80 बार कॉल किया गया। फोनधारक साइलेंट कॉल पर इससे कॉल सेंटर का स्टाफ परेशान होकर रह गया। इसी तरह एक ही नंबर से दर्जनों बार कॉल आते रहते हैं। कॉल करने वाला कई बार ऐसे शब्दों का उपयोग करता है, जो फोन अटैंड करने वाले को शर्मसार कर देता है।

कितने फेक कॉल

वर्ष 2024
जनवरी 19556
फरवरी 16927
मार्च 17853
अप्रैल 17506
मई 19243
जून 23277
जुलाई 20468
अगस्त 12088
सितंबर 7502
अक्टूबर 11990
नवंबर 11731
दिसंबर 8284
जनवरी 10146
फरवरी 9337

ग्रामीण इलाकों से ज्यादा कॉल

संजीवनी सेवा के कॉल सेंटर के माध्यम से पूरे राज्य में 108 संजीवनी सेवा का संचालन किया जाता है। सूत्रों के मुताबिक फेक तथा अनचाहे कॉल शहर की तुलना में ग्रामीण इलाकों से अधिक आते हैं। इन फर्जी कॉल की वजह से कॉल सेंटर के फोन बेवजह बिजी हो जाते हैं, जिसकी वजह से कई बार उन लोगों को मदद मिलने में देर हो जाती है, जिनको उसकी वास्तविक आवश्यकता होती है।

कॉल उठाना जरूरी

जेएईएस जनसंपर्क अधिकारी अमित वर्मा ने बताया कि, कॉल सेंटर में प्रतिदिन सैकड़ों फेक कॉल आते हैं। परेशान होने के बाद भी लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इन्हें अटैंड करना मजबूरी होती है। डॉयल 108 का उपयोग एंबुलेंस सहायता के लिए ही किया जाना चाहिए।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story