Hari bhoomi hindi news chhattisgarh
toggle-bar

टोक्यो ओलंपिक में दिखेंगे रोबो फ्रेंड

सामान उठाने से लेकर टैक्सी दिलाने और ट्रांसलेटर का काम करेंगे रोबो

टोक्यो ओलंपिक में दिखेंगे रोबो फ्रेंड
X
टोक्यो. 2020 के टोक्यो ओलंपिक खेलो का काउंटडाउन शुरू हो गया। मेजबान शहरों रियो और टोक्यो के बीच जमीन-आसमान का अंतर देखने को मिलेगा। सड़कों पर इस बार साम्बा की जगह रोबोट्स और स्वचलित कार देखने को मिलेंगी। अगले ओलंपिक खेलों में क्या विशेष होगा, आइए उसके बारे में जानते हैं।
हाई-टेक ओलंपिक्स
जब 1964 में टोक्यो ने पहली बार ओलंपिक खेलों की मेजबानी की थी तब वह द्वितीय विश्व युद्ध के झटकों से उबर रहा था। उसी वर्ष लॉन्च की गई बुलेट ट्रेन सर्विस जापान की तकनीकी उन्नति की पहचान बनी थी। पांच दशकों बाद टोक्यो दुनिया के सबसे उन्नत शहरों में से एक हो चुका है। स्मार्ट कार्ड ट्रेन सिस्टम से लेकर इलेक्ट्रॉनिक टाइलेट्स इसकी पहचान बन चुके हैं। जापान 2020 के ओलिंपिक खेलों को अपने एडवांस्ड टेक्नॉलाजी दिखाने के मंच के रूप में इस्तेमाल करेगा। इसमें रोबोट्स, त्वरित भाषा अनुवाद, स्वचलति कार और हाई डेफिनेशन 8के टीवी नजर आएंगे।
वादे के विपरित भी होगा काम
टोक्यो खेलों के लिए वादा किया गया था कि ओलंपिक खेलगांव के आठ किलोमीटर के दायरे में सभी खेल केंद्र मौजूद रहेंगे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। पैसा बचाने की मुहिम के तहत बास्केटबॉल, साइकलिंग और ताइक्वांडो की स्पर्धाएं टोक्यो के बाहर मौजूदा स्टेडियमों में होगी। इनके लिए नए स्टेडियम तैयार नहीं किए जाएंगे। टोक्यो की सबवे और कम्युटर ट्रेन लाइंस इसमें मदद करेगी।
नए खेल शामिल होंगे
खेलों के नजरिए से देखा जाए तो काफी बदलाव होगा क्योंकि पांच नए खेलों को शामिल किया गया है। बेसबॉस-सॉफ्टबॉल, सर्फिंग, स्केटबोर्डिंग, कराते और स्पोर्ट्स क्लाइम्बिंग के शामिल होने से दर्शकों की संख्या में इजाफा होगा। बेसबॉल-सॉफ्टबॉल की 2008 के बाद वापसी हो रही है जबकि कराते तो जापान में बहुत लोकप्रिय है। अन्य तीन खेलों को युवा पीढ़ी को आकर्षित करने के लिहाज से शामिल किया गया है।
स्कैंडल्स
हर ओलंपिक में विवाद होते हैं और टोक्यो भी इससे अलग नहीं है। मुख्य स्टेडियम का निर्माण कार्य तय समय सीमा से पीछे चल रहा है, क्योंकि खर्च कम करने के चलते सरकार ने इसके मूल डिजाइन में बदलाव किया है। इसके वास्तविक लोगो को भी बदल दिया गया है। कुछ खेलों में नए स्टेडियमों की जगह पहले से तैयार स्टेडियमों के उपयोग से 200 बिलियन येन (2 बिलियन डॉलर) की बचत होगी, इसके बावजूद इन खेलों का खर्चा पुर्वानुमान से बहुत ज्यादा रहने की आशंका है। टोक्यो आयोजन समिति ने स्वीकारा कि आयोजन की दावेदारी के वक्त दर्शाई गई राशि से वास्तविक खर्च ज्यादा रहेगा।
भूकंप के झटके
मनुष्य कितना भी शक्तिशाली हो जाए कई बातें उसके नियंत्रण में नहीं रहती है। टोक्यो में लगातार भूकंप के झटके लगते रहते हैं। इस शहर की बिल्डिंग्स भूकंप के झटकों को सहन करने की तकनीक का इस्तेमाल कर बनाई जाती है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इस शहर में कभी भी ज्यादा तीव्रता वाले भूकंप आ सकता है। 2011 में रेक्टर स्केल पर 9 तीव्रता वाले भूकंप के चलते जापान के उत्तर-पूर्वी तट पर सुनामी का कहर बरपा था जिसमें 18000 से ज्यादा लोगों की जान गई थी।
खबरों की अपडेट पाने के लिए लाइक करें हमारे इस फेसबुक पेज को फेसबुक हरिभूमि, हमें फॉलो करें ट्विटर और पिंटरेस्‍ट पर-

और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App

और पढ़ें
Next Story