IND vs AUS: अर्शदीप सिंह को बार-बार बाहर क्यों किया जाता? बॉलिंग कोच मोर्कल ने तोड़ी चुप्पी

Morne morkel on arshdeep singh
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अर्शदीप सिंह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले 3 टी20 में से एक में ही खेले। 

India vs Australia 4th T20I: भारत के गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल ने अर्शदीप सिंह को लगातार बाहर रखने पर जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि टी20 वर्ल्ड कप से पहले सभी कॉम्बिनेशन आजमाना जरूरी है, ताकि बाद में पछताना न पड़े।

India vs Australia 4th T20I: भारत के गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल ने आखिरकार चुप्पी तोड़ दी है कि क्यों अर्शदीप सिंह जैसे सफल गेंदबाज को टी20 टीम से बार-बार बाहर किया जाता है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चल रही टी20 सीरीज में अर्शदीप को तीन में से सिर्फ एक मैच में खेलने का मौका मिला, जिससे कई पूर्व क्रिकेटरों ने सवाल उठाए थे।

मोर्कल ने साफ कहा कि यह सब टीम की रणनीति का हिस्सा है क्योंकि अगले साल टी20 वर्ल्ड कप 2026 आने वाला है। इसलिए टीम मैनेजमेंट अब हर संभावित कॉम्बिनेशन और खिलाड़ी की प्रतिक्रिया को टेस्ट करना चाहता है।

हम विश्व कप से पहले पछतावा नहीं चाहते: मोर्कल

प्री-मैच प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोर्कल ने कहा, 'हम वर्ल्ड कप से ठीक पहले किसी चीज का पछतावा नहीं करना चाहते। यह वक्त हर विकल्प को आजमाने का है। अगर हम अभी कॉम्बिनेशन नहीं परखेंगे तो दो साल बाद बैठकर यह नहीं कहना चाहते कि काश हमने उस समय कोशिश की होती। इसलिए यह सब रणनीतिक सोच का हिस्सा है।'

मोर्कल ने कहा कि टीम चाहती है खिलाड़ी दबाव में कैसे प्रतिक्रिया देते हैं, यह देखा जाए। उन्होंने कहा कि अब वर्ल्ड कप से पहले सीमित मैच बचे हैं, इसलिए हर स्थिति में खिलाड़ियों को आजमाना जरूरी है। उन्होंने कहा, 'हम खिलाड़ियों से सिर्फ यही कहते हैं कि कड़ी मेहनत करो और जब मौका मिले तो तैयार रहो। यह जरूरी है कि हम जानें कौन खिलाड़ी किस परिस्थिति में कैसा प्रदर्शन करता है।'

अर्शदीप का शानदार रिकॉर्ड

अर्शदीप सिंह का हालिया प्रदर्शन उन्हें टीम से बाहर रखने का औचित्य कठिन बनाता है। उन्होंने तीसरे टी20 में 4 ओवर में 3/35 के आंकड़े दर्ज किए थे। इसके साथ ही अर्शदीप टी20 इंटरनेशनल में 100 विकेट लेने वाले पहले भारतीय गेंदबाज बन गए। उन्होंने 66 मैचों में 104 विकेट झटके हैं, जो उनके निरंतर प्रदर्शन का सबूत है।

इसके बावजूद उन्हें सीरीज के पहले और दूसरे मैच में ड्रॉप कर दिया गया था। इससे पूर्व क्रिकेटर और फैन्स ने कोच गौतम गंभीर और कप्तान सूर्यकुमार यादव की चयन नीति पर सवाल उठाए थे। मोर्कल ने हालांकि यह साफ कर दिया कि यह सब टीम की दीर्घकालिक योजना का हिस्सा है और लक्ष्य सिर्फ जीत नहीं, बल्कि टीम की गहराई और लचीलापन बढ़ाना है।

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