Babar Azam: 800 दिन 83 पारी बाद आया 20वां शतक, बाबर बोले- बुरे वक्त में पता चला कौन अपना

बाबर आजम ने 800 दिन बाद शतक ठोका है।
Babar Azam century: पाकिस्तान के स्टार बल्लेबाज़ बाबर आज़म लगातार आलोचनाओं और लंबे खराब दौर के बाद आखिरकार चमक उठे। रावलपिंडी की ठंडी रात में वो पल आया, जिसका पाकिस्तानी फैंस महीनों से इंतजार कर रहे थे- बाबर ने श्रीलंका के खिलाफ अपना 20वां वनडे शतक पूरा किया। यह शतक बाबर ने 83 पारियों और 800 दिनों के बाद पूरा किया, और इसी के साथ उन्होंने सईद अनवर की बराबरी भी कर ली।
श्रीलंका के खिलाफ जीत के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में बाबर ने सबसे पहले अपने फैंस का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा,'मुश्किल समय में मेरे साथ खड़े रहे फैंस ही मेरे असली सहारे थे। लोग ठंड में बैठे इंतजार कर रहे थे, यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात है।'
The moment the whole cricket world waited for — BABAR AZAM’S 32ND HUNDRED! 👑💯
— Sheri. (@CallMeSheri1_) November 14, 2025
- This video is going to break the Internet today. 🔥🇵🇰
pic.twitter.com/D2BqiAWLLa
बाबर ने 800 दिन बाद शतक ठोका
बाबर ने माना कि पिछली सीरीज़ में उन्हें शुरुआत मिल रही थी पर वे बड़ी पारी में नहीं बदल पा रहे थे। उन्होंने कहा कि फ़खर ज़मान के साथ साझेदारी उनकी रणनीति का अहम हिस्सा थी। इसके बाद मोहम्मद रिज़वान के साथ उन्होंने मैच की स्थिति के हिसाब से बल्लेबाज़ी की। स्टेडियम में जैसे-जैसे वह शतक के करीब पहुंचते गए, तनाव भी बढ़ता गया और लक्ष्य भी नज़दीक था और शतक भी।
आख़िरकार उन्होंने एक शॉर्ट गेंद ऑन-साइड में खेलकर वह एक रन पूरा किया और पूरा स्टेडियम झूम उठा। बाबर कुछ सेकंड के लिए शांत खड़े रहे, फिर घुटनों के बल बैठकर सिर झुका दिया- सब कुछ जैसे भीतर ही समा लिया हो।
खराब दौर बहुत कुछ सिखाकर गया: बाबर
बाबर का कहना था कि पिछले कुछ महीनों में उन्होंने सिर्फ एक चीज पकड़े रखी वो था खुद पर यक़ीन। उन्होंने कहा, 'कभी-कभी आप नकारात्मक सोच में फंस जाते हैं, पर आपको अपनी मेहनत पर भरोसा रखना होता है। कई सलाह मिलती हैं लेकिन आखिर में आपको खुद ही करना होता है।' उन्होंने अपने बचपन के कोच शाहिद असलम और मंसूर राणा का खास तौर पर धन्यवाद किया लेकिन कहा कि असली लड़ाई खिलाड़ी को खुद लड़नी होती है।
युवा खिलाड़ियों को बाबर की सलाह
बाबर ने कहा कि जो भी युवा खिलाड़ी फॉर्म से जूझ रहे हैं, उन्हें सबसे ज्यादा ध्यान रखना चाहिए सेल्फ-बिलीफ और रोज की मेहनत। उनके मुताबिक, दो दिन मोटिवेशन चल सकता है लेकिन असली फर्क रोज की मेहनत से पड़ता है।
पाकिस्तान टीम को उम्मीद है कि यह शतक बाबर के कमबैक की शुरुआत है, न कि एक अंतिम चमक। सिर्फ 31 साल की उम्र में उनका भविष्य अभी लंबा है और अब वे नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं।
