Navratri Day 6 Maa Katyayani: नवरात्रि के 6वें दिन करें मां कात्यायनी की पूजा, नोट करें पूजा विधि, मंत्र, आरती

Navratri Day 6 Maa Katyayani Puja Vidhi Mantra Bhog aur Aarti
X
मां कात्यायनी की पूजा करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है।
आज नवरात्रि का छठा दिन है, जिसमें मां कात्यायनी की पूजा की जायेगी। मान्यताओं के अनुसार, आज के दिन मां कात्यायनी की पूजा करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता

Shardiya Navratri Day 6 Maa Katyayani: आज नवरात्रि का छठा दिन है, जिसमें मां कात्यायनी की पूजा की जायेगी। मान्यताओं के अनुसार, आज के दिन मां कात्यायनी की पूजा करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही जातक को जीवन में चल रहे रोग और दोष से मुक्ति मिलती है। कात्यायन ऋषि की पुत्री होने की वजह से देवी कात्यायनी को यह नाम मिला। जानते है मां कात्यायनी की पूजा विधि, मंत्र, आरती और भोग के बारे में-

मां कात्यायनी पूजा विधि
(Maa Katyayani Puja Vidhi)

नवरात्रि के छठे दिन सुबह उठकर स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनें। इसके पश्चात पूजा स्थल की साफ़-सफाई करें। अब कलश पूजन करें और फिर मां कात्यायनी का ध्यान करें। इसके पश्चात मां को अक्षत, कुमकुम, पुष्प समेत अन्य चीजें अर्पित करें। फिर धूप- दीप जलाकर माता रानी की चालीसा और आरती पढ़े। इसके बाद मां कात्यायनी को उनका प्रिय भोग अर्पित करें। अंत में अपनी भूल-चूक के लिए मां से माफ़ी मांगे और अपनी इच्छा मन ही मन जाहिर करें।

मां कात्यायनी का प्रिय भोग
(Maa Katyayani Priya Bhog)

मां कात्यायनी को मीठे पान का भोग लगाना शुभ माना गया है। इससे व्यक्ति के जीवन से हर तरह का डर समाप्त होता है।

मां कात्यायनी मंत्र
(Maa Katyayani Mantra)

सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बिके गौरी नारायणी नमोस्तुते ।।

ऊं क्लीं कात्यायनी महामाया महायोगिन्य घीश्वरी,
नन्द गोप सुतं देवि पतिं मे कुरुते नमः।।

पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्त अनुसारिणीम्।
तारिणीं दुर्ग संसार सागरस्य कुलोद्भवाम्।।

मां कात्यायनी की आरती
(Maa Katyayani Aarti)

जय जय अम्बे जय कात्यायनी।
जय जग माता जग की महारानी॥

बैजनाथ स्थान तुम्हारा। वहावर दाती नाम पुकारा॥
कई नाम है कई धाम है। यह स्थान भी तो सुखधाम है॥

हर मन्दिर में ज्योत तुम्हारी। कही योगेश्वरी महिमा न्यारी॥
हर जगह उत्सव होते रहते। हर मन्दिर में भगत है कहते॥

कत्यानी रक्षक काया की। ग्रंथि काटे मोह माया की॥
झूठे मोह से छुडाने वाली। अपना नाम जपाने वाली॥

बृहस्पतिवार को पूजा करिए। ध्यान कात्यानी का धरिये॥
हर संकट को दूर करेगी। भंडारे भरपूर करेगी॥

जो भी माँ को भक्त पुकारे। कात्यायनी सब कष्ट निवारे॥

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story