POK issue: जयशंकर का नेहरू पर कटाक्ष: कहा- किसी की कमजोरी से पीओके पर हुआ पाकिस्तान का कब्जा, यह भारत का हिस्सा

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POK issue: एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि मुझे लगता है कि पीओके भारत का हिस्सा।
POK issue: POK issue: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को पाक अधिकृत कश्मीर (POK ) पर पाकिस्तान के कब्जे को लेकर देश के पहले पीएम जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस पर निशाना साधा।

POK issue: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को पाक अधिकृत कश्मीर (POK ) पर पाकिस्तान के कब्जे को लेकर देश के पहले पीएम जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस पर निशाना साधा। जयशंकर ने कहा कि किसी की कमजोरी या गलती से POK पर पाकिस्तान का कब्जा हुआ। विश्वबंधु नामक एक कार्यक्रम के दौरान विदेश मंत्री ने POK को वापस भारत में मिलने के बारे में सवाल पूछे जाने पर यह जवाब दिया।

मुझे ऐसा लगता है कि POK भारत का ही हिस्सा है
एस जयशंकर से पूछा गया कि क्या POK को वापस भारत में मिलाने के लिए भारत 'लक्ष्मण रेखा' को पार कर सकता है?। जयशंकर से पूछा गया कि चीन और पाकिस्तान का साझा इकोनॉमिक कॉरिडोर पाक अधिककृत कश्मीर के गिलगित बाल्टिस्तान से होकर गुजरता है, क्या इसके बावजूद भारत पीओके का भारत में विलय कराने की दिशा में कदम उठाएगा। इस पर विदेश मंत्री ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि 'लक्ष्मण रेखा' जैसी कोई चीज है। मुझे ऐसा लगता है कि POK भारत का ही हिस्सा है। बस किसी की कमजोरी या गलती के कारण यह अस्थायी रूप से हमसे दूर हो गया है।

यदि POK का कोई दावेदार है तो वह भारत है
एस जयशंकर ने कहा कि मैं चीन में भारत का राजदूत था। हम सभी चीन की पिछली हरकतों और पाकिस्तान के साथ मिलीभगत से वाकिफ हैं। इसका इतिहास काफी पुराना है। हमने पीओके को लेकर बार-बार उन्हें बताया है। उनसे कई बार साफ तौर पर कहा कि इस भूमि पर न तो पाकिस्तान और न ही चीन अपना दावा कर सकता है। यदि इस भूमि का कोई दावेदार है तो वह भारत है। हमने चीन से कई बार कहा कि आप पीओके पर कब्जा कर रहे हैं, आप वहां निर्माण कर रहे हैं, लेकिन इस पीओके पर कानूनी स्वामित्व हमारा है।

क्या है चीन और पाकिस्तान का 1963 का सीमा समझौता
जयशंकर ने बीजिंग और इस्लामाबाद के बीच 1963 के सीमा समझौते का भी जिक्र किया। इस समझौते के तहत पाकिस्तान ने लगभग 5,000 किमी क्षेत्र चीन को सौंप दिया था। एस जयशंकर ने कहा कि 1963 में, पाकिस्तान और चीन अपनी दोस्ती को आगे बढ़ाने के लिए सहमत हुए। चीन के साथ करीबी बढ़ाने के लिए पाकिस्तान ने उसे पीओके का करीब 5,000 किमी क्षेत्र को चीन को सौंप दिया। उस समझौते में भी लिखा है चीन आखिरकार इस बात का सम्मान करेगा कि यह क्षेत्र भारत का है या पाकिस्तान का।

हमें खुद पर भरोसा रखने की जरूरत है: जयशंकर
विदेश मंत्री ने कहा कि कभी-कभी लोग सिर्फ क्षेत्र हड़प लेते हैं और फिर बात यह होती है कि इसका समाधान कैसे किया जाए। एस जयशंकर ने कहा कि मुझे लगता है कि हमें अपनी स्थिति बहुत मजबूत रखने की जरूरत है। हमें खुद पर भरोसा रखने की जरूरत है। दस साल पहले, आप में से कोई भी इस तरह से बात नहीं करता था। यह एक बदलाव है। यहां तक कि अब भारत की जनता को भी इस पर भरोसा है कि पीओके भारत का हिस्सा बनेगा। इस हफ्ते में यह दूसरी बार है जब विदेश मंत्री ने पीओके को लेकर यह बयान दिया है।

बीजेपी ने चुनाव के बीच उठाया है पीओके का मुद्दा
बता दें कि बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण से पहले पीओके का मुद्दा उठाया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने दावा किया है कि अगर बीजेपी लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करती है तो पीओके को भारत में मिलाएगी। हिमंत बिस्व सरमा ने बुधवार को झारखंड की रैली में कहा था कि जब बीजेपी ने पिछले लोकसभा चुनाव में 300 सीटों का आंकड़ा पार किया तो कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटा दिया। अब अगर 400 सीटें पार होती हैं तो पीओके का भारत में विलय करा दिया जाएगा। इस बीच गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पीओके भारत का है और देश इसे "किसी भी कीमत पर" वापस लेगा।

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