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Mukhtar Ansari burial Ghazipur: उत्तर प्रदेश के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को शनिवार सुबह गाजीपुर के कालीबाग कब्रिस्तान में दफना दिया गया। इस दौरान डॉन के भाई अफजाल अंसारी की गाजीपुर के डीएम से बहस हो गई।

Mukhtar Ansari burial Ghazipur: उत्तर प्रदेश के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को शनिवार सुबह गाजीपुर के कालीबाग कब्रिस्तान में दफना दिया गया। इस दौरान डॉन के भाई अफजाल अंसारी की गाजीपुर के डीएम से बहस हो गई। जब मुख्तार अंसारी के शव को सुपुर्द-ए-खाक के लिए ले जाया जाने लगा तो डीएम ने कहा कि सिर्फ परिवार के सदस्य ही कब्रिस्तान के अंदर जाएंगे। इस पर अफजाल अंसाली बिफर पड़े और डीएम से बहस करने लगे। 

डीएम की बात सुनकर उखड़ गए अफजाल
गाजीपुर की डीएम आर्यका अखोरी से अफजाल अंसारी ने कहा कि अगर परिवार के सदस्य से इतर दूसरे लोग भी मिट्टी देना चाहते हैं तो वे भी दे सकते हैं, उन्हें कोई नहीं रोक सकता। इस पर डीएम आर्यका अखोरी ने कहा कि मैं यहां की डीएम हूं और दूसरे लोगों मिट्टी देंगे इसकी इजाजत पहले से नहीं ली गई है। यह सुनते ही अफजाल उखड़ गए और कहा कि आप चाहे जो भी हों, धार्मिक कार्यों के लिए या किसी को मिट्टी देने के लिए किसी से इजाजत लेने की जरूरत नहीं है। 

डीएम ने दिया धारा 144 लागू होने की दलील
डीएम आर्यका ने कहा कि दूसरे लोगों अगर मिट्टी देना चाहते हैं तो इसके लिए पहले से इजाजत लेने की जरूरत है, क्योंकि यहां पर धारा 144 लागू है। आपको सिर्फ अपने परिवार के सदस्यों को लेकर ही अंदर जाना होगा। अफजाल अंसारी ने कहा कि जो भी मिट्टी देना चाह रहा है वह दे सकता है, उन्हें कोई नहीं रोक सकता। यह सुनते ही डीएम बोलीं पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की जा रही है। हम नियम तोड़कर मिट्टी देने वालों के खिलाफ एक्शन लेंगे। 

नियम तोड़ने वालों की होगी पहचान: गाजीपुर SP
मुख्तार के सुपुर्द-ए-खाक होने के बाद अफजाल अंसारी ने कहा कि सब कुछ शांतिपूर्ण ढंग से हो गया। हालांकि, गाजीपुर के एसएसपी ओमवीर सिंह ने कहा कि जब मुख्तार के परिजन मिट्टी दे रहे थे, इस बीच कुछ लोग गलियों से आ गए। इन लोगों की पहचान की जा रही है। बता दें कि मुख्तार अंसारी की मौत के बाद सुरक्षा के मद्देनजर गाजीपुर-मऊ समेत पूरे उत्तर प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी थी। बता दें कि मुख्तार अंसारी 2005 से सजा काट रहा था। अलग-अलग मामलों में उसे दो बार उम्रकैद हो चुकी थी। उसके खिलाफ 65 से अधिक मामले लंबित थे।

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