India general elections 2024: लोकसभा चुनाव का प्रचार थमा, जानिए पीएम मोदी और राहुल गांधी में किसने की सबसे ज्यादा रैलियां

Loksabha Election Campaign Analysis:
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Loksabha Election Campaign Analysis
Loksabha Election Campaign Analysis: 75 दिनों का लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान गुरुवार को समाप्त हो गया। इस दौरान राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने धुआंधार रैलियां और रोड शो किए। आइए जानते हैं कि किस पार्टी ने कितना जोर लगाया और क्या है उनकी उम्मीदें।

Loksabha Election Campaign Analysis: 75 दिनों का लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान गुरुवार को समाप्त हो गया। इस दौरान राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने धुआंधार रैलियां और रोड शो किए। अपने चुनावी सभाओं और कार्यक्रमों के जरिए मतदाताओं को लुभाने की भरपूर कोशिश की। अब अंतिम चरण की वोटिंग 1 जून को होगी। चुनाव परिणाम 4 जून को घोषित किए जाएंगे। आइए जानते हैं कि किस पार्टी ने कितना जोर लगाया और क्या है उनकी उम्मीदें।

प्रधानमंत्री मोदी का कन्याकुमारी दौरा और ध्यान सत्र
चुनावी शोर थमते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कन्याकुमारी के भगवती अम्मन देवी मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे। इसके बाद वे विवेकानंद शिला पर 1 जून तक ध्यान करेंगे। यह वही स्थान है जहां स्वामी विवेकानंद ने 'भारत माता' के बारे में दिव्य दृष्टि प्राप्त की थी। पीएम मोदी 1 जून की शाम को दिल्ली के लिए रवाना हो सकते हैं। मोदी ने 2019 के चुनाव अभियान के बाद केदारनाथ गुफा में भी इसी तरह का ध्यान सत्र किया था।

राहुल गांधी और अन्य नेताओं की रैलियां
राहुल गांधी ने इस चुनाव अभियान में 107 रैलियां और रोड शो किए। कांग्रेस की प्रियंका गांधी वाड्रा ने 140 से अधिक रैलियां और रोड शो किए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 100 से ज्यादा रैलियां कीं और कई प्रेस कॉन्फ्रेंस कीं। ममता बनर्जी ने कोलकाता में 8 किलोमीटर लंबी पदयात्रा की। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 87 रैलियां की, जबकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 101 चुनावी इवेंट्स किए।

प्रमुख नेताओं द्वारा की गई रैलियां, रोड शो और अन्य कार्यक्रम
भारतीय जनता पार्टी (BJP):

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: 172 रैलियां और रोड शो।
  • अमित शाह: 115 रैलियां और 18 रोड शो। कुल 221 चुनावी कार्यक्रम।
  • जेपी नड्डा: 87 रैलियां। 23 राज्यों और चार केंद्र शासित प्रदेशों में 134 चुनावी सभा व रोड शो। कुल 85,957 किलोमीटर की यात्रा।
  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह: 94 रैलियां और 7 रोड शो। कुल 101 चुनावी इवेंट।

कांग्रेस (Congress):

  • राहुल गांधी: 107 रैलियां और रोड शो।
  • प्रियंका गांधी वाड्रा: 140 से ज्यादा रैलियां और रोड शो। 100 मीडिया बाइट्स/टिकटॉक और इंटरव्यू। 5 फुल प्रिंट इंटरव्यू।
  • मल्लिकार्जुन खड़गे: 100 से ज्यादा रैलियां, 20 से ज्यादा प्रेस कॉन्फ्रेंस, और 50 से ज्यादा इंटरव्यू।

भाजपा का व्यापक प्रचार अभियान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अभियान में 172 रैलियां और रोड शो किए, जबकि अमित शाह ने 115 रैलियां और 18 रोड शो किए। अमित शाह ने कुल 221 चुनावी कार्यक्रम किए। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 23 राज्यों और चार केंद्र शासित राज्यों का दौरा किया और 125 लोकसभा सीटों पर प्रचार किया। उन्होंने चुनाव में कुल 85,957 किलोमीटर की यात्रा की।

विपक्षी दलों का जोरदार प्रचार
कांग्रेस की प्रियंका गांधी ने सबसे ज्यादा रैलियां और रोड शो किए। उन्होंने 100 मीडिया बाइट्स/टिकटॉक और इंटरव्यू दिए। ममता बनर्जी ने 61 रैलियां कीं और कई रोड शो और पदयात्राएं की। अखिलेश यादव ने 69 रैलियां और 4 रोड शो किए। कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस चुनाव के दौरान 100 से ज्यादा रैलियां की। इसके साथ ही उन्होंने 50 से ज्यादा इंटरव्यू दिए और 20 से ज्यादा प्रेस कॉन्फेंस को भी संबोधित किया।

INDIA गठबंधन की जीत का दावा
INDIA गठबंधन को अपनी जीत का पूरा भरोसा है। गठबंधन के नेताओं का दावा है कि जीत के 48 घंटे के भीतर ही प्रधानमंत्री चुन लिया जाएगा। जयराम रमेश ने कहा कि सबसे ज्यादा सीट जीतने वाले दल का ही प्रधानमंत्री होगा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दावा किया कि INDIA गठबंधन पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगा। इंडी गठबंधन के नेताओं का कहना है कि कई राज्यों में गठबंधन का प्रदर्शन अपेक्षा से ज्यादा बेहतर होगा।

भाजपा का प्रदर्शन और आकलन
चुनावी अभियान समाप्त होने के बाद भाजपा अपने प्रदर्शन का आकलन कर रही है। पार्टी को ओडिशा, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। इन राज्यों में लोक सभा की 244 सीटें हैं। पिछले चुनाव में भाजपा और उसके सहयोगियों ने इनमें से 94 सीटों पर जीत हासिल की थी। इस बार भाजपा ने इन राज्यों में क्षेत्रीय दलों से गठबंधन किया है।

मोदी की आक्रामक रणनीति
प्रधानमंत्री मोदी ने इस चुनाव में कांग्रेस के वादों को आक्रामक तरीके से निशाना बनाया। सैम पित्रोदा के विरासत टैक्स के बयान और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अल्पसंख्यकों पर बयान को मुद्दा बनाकर मोदी ने कांग्रेस पर हमला बोला। भाजपा ने मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा भी उठाया और आरोप लगाया कि विपक्ष संविधान बदलकर दलित आदिवासियों का आरक्षण खत्म करना चाहता है।

चुनावी महासमर में हर दल ने अपनी पूरी ताकत झोंकी
चार जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे आएंगे, तब पता चलेगा कि किसके दावे में कितना दम है। इस बीच, सभी पार्टियों ने अपने-अपने दावे किए हैं, लेकिन अब जनता का फैसला ईवीएम में कैद हो चुका है। इस चुनावी अभियान में सभी पार्टियों ने अपने पूरे जोश के साथ भाग लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी ने सबसे ज्यादा रैलियां कीं और मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने की पूरी कोशिश की। अब देखना यह है कि जनता किसे अपना समर्थन देती है और 4 जून को किसके पक्ष में फैसला आता है। इस चुनावी महासमर में हर दल ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। अब फैसला जनता के हाथ में है और 4 जून को यह साफ हो जाएगा कि किसके दावे में कितना दम है।

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