ISRO प्रमुख एस. सोमनाथ को कैंसर: आदित्य L-1 की लॉन्चिंग के दिन बीमारी का पता चला; 6 महीने इलाज के बाद बोले- अब ठीक हूं

ISRO chief S Somanath
X
ISRO chief S Somanath
ISRO chief S Somanath: एस. सोमनाथ ने एक मीडिया हाउस को दिए हालिया इंटरव्यू में अपनी बीमारी का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि चंद्रयान-3 मिशन के दौरान भी कुछ परेशानी हुई थी।

ISRO chief S Somanath: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) प्रमुख के कैंसर से पीड़ित हैं और उनका इलाज चल रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 6 महीने पहले आदित्य-एल1 की लॉन्चिंग के दिन इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ को एब्डोमिनल कैंसर का पता चला। सोमनाथ पिछले दिनों गगनयान मिशन के पायलट्स और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच पर नजर आए थे। आदित्य एल1 की लॉन्चिंग 2 सितंबर 2023 को हुई थी। भारत ने सूर्य की स्टडी के लिए सोमनाथ की अगुआई में यह मिशन शुरू किया है।

सोमनाथ ने इंटरव्यू में बीमारी का जिक्र किया
अंग्रेजी अखबार द लाइव मिंट ने अपनी रिपोर्ट में एस. सोमनाथ के टरमक मीडिया हाउस को दिए हालिया इंटरव्यू का हवाला दिया है। जिसके मुताबिक, इसरो प्रमुख ने कहा- ''मुझे चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च के दौरान हेल्थ को लेकर कुछ परेशानी हुई थीं। हालांकि, उस वक्त यह स्पष्ट नहीं था, मुझे इसके बारे में कोई ज्यादा समझ नहीं थी। इसके दो महीने बाद आदित्य-L1 लॉन्च किया गया था। हमने जिस दिन आदित्य-एल1 लॉन्च किया, उसी दिन सुबह मैंने स्कैन कराया। तब मुझे पता चला कि कि मेरे पेट में असमान्य ग्रोथ हो रही है। आदित्य लॉन्च होते ही मुझे इसका क्लू मिल चुका था।''

यह खुलासा परिवार के लिए बड़ा सदमा: ISRO प्रमुख
रिपोर्ट के मुताबिक, स्कैन में कैंसर की जानकारी मिलने के बाद आगे जांच के लिए उन्हें चेन्नई ले जाया गया। यहां उनकी पीढ़ी-दर पीढ़ी चली आ रही बीमारी की पुष्टि हुई। इसके बाद साफ हो चुका था कि इसरो चीफ को अपनी पेशेवर जिम्मेदारियों के साथ-साथ गंभीर हेल्थ चैलेंज से भी गुजरना पड़ेगा। यह सोमनाथ के परिवार के लिए एक बड़े सदमे की तरह था। फिर सोमनाथ का ऑपरेशन हुआ और उसके बाद कीमोथेरेपी की गई।

सोमनाथ बोले- कैंसर का इलाज संभव, अब मैं ठीक हूं
इसरो चीफ ने कैंसर के खिलाफ लड़ाई को लेकर अपना अनुभव साझा किया। उन्होंने कहा कि यह परिवार के लिए एक सदमा था। लेकिन अब मैं मानता हूं कि कैंसर का इलाज संभव है। उस वक्त में पूरी तरह से इलाज को लेकर श्योर नहीं था। नियमित जांच और स्कैन से गुजरने के बाद अब पूरी तरह से ठीक हो गया हूं। रिकवरी किसी चमत्कार से कम नहीं है। अस्पताल में सिर्फ चार दिन रहने के बाद 5वें दिन से बिना किसी दर्द के वापस इसरो में ड्यूटी पर लौट आया।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story