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Katchatheevu Island Row: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दावा किया है कि कांग्रेस के प्रधानमंत्रियों ने कच्चातीवू द्वीप को लेकर उदासीनता दिखाई थी। विदेश मंत्री के आरोपों को बेतुका बताया और कहा कि यह समझौता 1974 और 76 में हुआ था।

Katchatheevu Island Row: विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर की ओर से सोमवार को कच्चातीवू द्वीप पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने पलटवार किया। उन्होंने विदेश मंत्री के आरोपों को बेतुका बताया और कहा कि यह समझौता 1974 और 76 में हुआ था। चिदंबरम ने कहा कि विदेश मंत्री जयशंकर इस मुद्दे पर कलाबाजी क्यों कर रहे हैं? जयशंकर विदेश सेवा के एक सौम्य और उदार अफसर से अब आरएसएस-बीजेपी के मुखपत्र बन चुके हैं, लोग कितनी जल्दी रंग बदल लेते हैं। जयशंकर की कलाबाजी इतिहास में दर्ज होगी। इससे पहले विदेश मंत्री जयशंकर ने कच्चातीवू द्वीप के मुद्दे पर कांग्रेस और डीएमके पर उदासीनता दिखाने के आरोप लगाए थे।  

जयशंकर ने कच्चातीवू द्वीप के लिए नेहरू-इंदिरा को घेरा
- विदेश मंत्री ने दशकों पहले संसद में हुई चर्चा को कोट करते हुए कहा कि पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू और प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की अगुवाई वाली सरकार कच्चातीवू द्वीप को लेकर गंभीर नहीं थी। यह आईलैंड नेहरू के लिए महज एक छोटा द्वीप था और प्रसांगिक नहीं था। वहीं, इंदिरा गांधी ने 1974 में इस द्वीप को श्रीलंका को सौंप दिया।
- डॉ. जयशंकर ने कहा कि यह मुद्दा अचानक सामने नहीं आया है। कई दशकों से यह मुद्दा चल रहा है। अब कांग्रेस और डीएमके इस मुद्दे को कैसे लेंगे ये उनकी जिम्मेदारी है।मश्रीलंका में भारतीय मछुआरों की लगातार गिरफ़्तारी की समस्या सालों से बनी हुई है। (पढ़ें पूरी खबर...)

जब वाजपेयी थे और मोदी आए तो क्या मछुआरे नहीं पकड़े गए: चिदंबरम  
चिदंबरम ने X (पहले ट्विटर) पोस्ट में कहा- पिछले 50 सालो से मछुआरों को हिरासत में लिया जा रहा है, ये सच है। इसी प्रकार भारत ने भी कई श्रीलंकाई मछुआरों को पकड़ा है। हर सरकार ने श्रीलंका के साथ बातचीत की और हमारे मछुआरों को मुक्त कराया। ये उस वक्त हुआ था जब जयशंकर एक विदेश सेवा अधिकारी, विदेश सचिव थे और अब विदेश मंत्री हैं। जयशंकर ने कांग्रेस और डीएमके के खिलाफ बोलने के लिए क्या बदलाव किया है? क्या जब वाजपेयी प्रधानमंत्री थे और भाजपा सत्ता में थी और तमिलनाडु के कई राजनीतिक दलों के साथ गठबंधन में थी। तब श्रीलंका ने मछुआरों को हिरासत में नहीं लिया था क्या? जब मोदी 2014 से सत्ता में आए तब क्या मछुआरों को नहीं पकड़ा गया? 

कच्चातीवू द्वीप के मुद्दे को चुनाव में भुनानी चाहती है भाजपा
बता दें कि कच्चातीवू द्वीप का मुद्दा तमिलनाडु के बीजेपी अध्यक्ष के अन्नामलाई की ओर से आरटीई के तहत मांगे गए जवाब के आधार पर छपी एक रिपोर्ट के बाद चर्चा में है। लोकसभा चुनाव नजदीक आने के साथ बीजेपी कच्चातीवू द्वीप के मामले को तूल देना चाहती है, क्योंकि वह दक्षिणी राज्यों में बेहतर प्रदर्शन की कोशिश में लगी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस पर "संवेदनहीनता" से यह द्वीप श्रीलंका को देने का आरोप लगा चुके हैं। उन्होंने कहा था कि डीएमके ने तमिलनाडु के हितों की रक्षा के लिए कुछ नहीं किया।

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