Hindenburg Report पर बीजेपी का पलटवार: कांग्रेस देश में आर्थिक अराजकता लाने की कोशिश में, PM मोदी के खिलाफ चला रही एजेंडा

Ravi Shankar Prasad
X
Ravi Shankar Prasad
हिंडनबर्ग ने रिपोर्ट में दावा किया है कि SEBI की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच का अडाणी समूह द्वारा इस्तेमाल किए गए फंड्स में हितों का टकराव हो सकता है।

Hindenburg Research: अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की हालिया रिपोर्ट पर देश में राजनीति माहौल भी गर्म हो गया है। सोमवार को बीजेपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस पर पटलवार किया। इसमें बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आखिर कांग्रेस चाहती क्या है। टूल किट वालों को देश ने जवाब दे दिया है। हार के बाद कांग्रेस आर्थिक अराजकता फैलाने की कोशिश कर रही है। इसीलिए वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एजेंडा चला रही है। इससे पहले नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर सेबी चेयरपर्सन माधवी बुच से इस्तीफे की मांग की थी और केंद्र द्वारा जेपीसी जांच की मांग पर कोई निर्णय नहीं लेने को लेकर सवाल उठाए थे।

नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि अडाणी समूह के खिलाफ अवैध शेयर स्वामित्व और ऑफशोर फंड्स का इस्तेमाल करके शेयर कीमतों में हेरफेर के गंभीर आरोप हैं। यह भी सामने आया है कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति का इन फंड्स में से एक में रुचि थी। यह एक विस्फोटक आरोप है, क्योंकि न्याय करने वाली संस्था खुद ही प्रभावित हो चुकी है। (ये भी पढ़ें... राहुल गांधी बोले- शेयर बाजार में रिस्क, क्योंकि सेबी समझौता कर चुकी; माधबी बुच ने इस्तीफा क्यों नहीं दिया?)

रविशंकर ने कांग्रेस और टूलकिट गैंप पर साधा निशाना
बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा- "भारत की जनता द्वारा नकारे जाने के बाद कांग्रेस पार्टी, उसके सहयोगी और टूलकिट गैंग ने मिलकर भारत में आर्थिक अराजकता और अस्थिरता लाने की साजिश की है। अमेरिकी बिजनेसमैन जॉर्ज सोरोस का बड़ी हिस्सेदारी हिंडनबर्ग रिसर्च के अंदर है। उसी फर्म की ओर से शनिवार को रिपोर्ट जारी की गई, रविवार को इसका शोर मचा और सोमवार को शेयर बाजार अस्थिर हो गया। भारतीय बाजार एक सुरक्षित, स्थिर और आशाजनक मार्केट। SEBI की कानूनी जिम्मेदारी है कि वह बाजार को सुचारू रूप से चलाए। जब SEBI ने जुलाई में हिंडनबर्ग के खिलाफ नोटिस जारी किया था, जो कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में किया गया था, तब इसके बचाव में कोई जवाब दिए बिना यह नया हमला किया गया, जो कि पूरी तरह से आधारहीन है।"

कौन हैं जॉर्ज सोरोस?

  • जॉर्ज सोरोस का जन्म 12 अगस्त, 1930 को हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में हुआ था। वे एक सफल निवेशक होने के साथ-साथ खुद को एक दार्शनिक और सामाजिक कार्यकर्ता भी मानते हैं। हालांकि, सोरोस पर दुनिया के कई देशों की राजनीति और समाज को प्रभावित करने के एजेंडे को बढ़ावा देने के आरोप भी लगते रहते हैं।
  • 11 नवंबर 2003 को वॉशिंगटन पोस्ट को दिए एक इंटरव्यू में सोरोस ने कहा था कि जॉर्ज डब्ल्यू बुश को राष्ट्रपति पद से हटाना उनके जीवन का सबसे बड़ा मकसद है। उनके लिए यह 'जीवन और मौत का सवाल' है। सोरोस ने यह भी कहा था कि अगर कोई उन्हें सत्ता से बेदखल करने की गारंटी देता है, तो वे अपनी पूरी संपत्ति लुटाने के लिए तैयार हैं। (ये भी पढ़ें... अडाणी ग्रुप ने कहा- पहले ही बेबुनियाद साबित हो चुके हैं हिंडनबर्ग रिपोर्ट के घिसेपिटे दावे)

सेबी चीफ और अडाणी ग्रुप पर हिंडनबर्ग के आरोप
हिंडनबर्ग रिसर्च ने रिपोर्ट में दावा किया है कि SEBI की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच का अडाणी समूह द्वारा इस्तेमाल किए गए ऑफशोर फंड्स में हितों का टकराव हो सकता है। जिससे अडाणी समूह की जांच में अनियमितताएं हुईं। इसके बाद SEBI और माधबी पुरी बुच ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि बतौर चेयरपर्सन सही समय पर सभी जरूरी जानकारियां दी गई हैं और कोई भी हितों का टकराव नहीं हुआ है। यह सिर्फ हमारा चरित्र हनन करने का एक प्रयास है।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story