अगर हो रहा है रीढ़ की हड्डी में दर्द तो करें ये 3 योगासन, जल्द ही मिलेगा दर्द से राहत
रीढ़ की हड्डी या कमर में दर्द से छुटकारा पाने के लिए आप इन योगासनों को कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं किन समस्याओं में किस योगासनों को कर सकते हैं।

रीढ़ की हड्डी में दर्द : पीठ में दर्द का एकमात्र कारण रीढ़ की हड्डी से है। रीढ़ की हड्डी में लचीलापन न होना या ज्यादा दर्द होना व्यक्ति के लिए परेशानी खड़ी कर देता है। रीढ़ की हड्डी में दर्द होने के वजह से ऑफिस में बैठकर काम करने में दिक्कत होती है, जबकि महिलाओं को रीढ़ की हड्डी संबंधी समस्या होने पर घर के काम में परेशानी होती है।अगर आप चाहे तो इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए दवाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन योगासन से भी आप इस समस्या से निजात पा सकते हैं।
योग से आपका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर होता है। इसके साथ ही योग से मोटापा और रीढ़ की हड्डी का दर्द दूर होता है और लचीलापन बेहतर बनता है। आज के जमाने में खुद के लिए समय निकालना बेहद मुश्किल होता है। लेकिन अगर आप सुबह सिर्फ 30 मिनट स्वयं के लिए निकाल लें, तो इससे आप कई तरह की परेशानियों से छुटकारा पा सकते हैं। तो चलिए जानते हैं रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन को बेहतर करने और इसके दर्द को दूर करने के लिए कुछ योगासन के बारे में...
रीढ़ की हड्डी के दर्द से छुटकारा पाने के लिए योगासन
भुजंगासन
रीढ़ की हड्डी के दर्द को कम करने के लिए आप भुजंगासन कर सकते हैं। भुजंगासन में आपकी रीढ़ की हड्डी पीछे की ओर मुड़ती है और इससे आपके कूल्हे मजबूत बनते हैं। रीढ़ की हड्डी में लचीलपन पाने के लिए आप इस योग को रोजाना करीब दो से तीन मिनट तक कर सकते हैं। शुरूआत में इसे कुछ ही सेकेंड के लिए इसमें कमर को उतना ही मोड़े जितना की आपको ज्यादा दर्द महसूस न हो। इस योगासन से कंधों, पेट और छाती में भी खिंचाव होता है। ये स्ट्रेचिंग का एक बेहतर विकल्प है।
धनुरासन
धनुरासन यानी धनुष मुद्रा, एक पूर्ण योग आसन है क्योंकि यह पीठ को सुडौल बनाने और पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद कर सकता है। यह पेट और छाती, टखनों, जांघों, गले, कमर और कूल्हे के फ्लेक्सर्स सहित शरीर के सामने के हिस्से को फैलाने में भी मदद करता है। धनुरासन को अगर आप पहली बार कर रहें हैं तो ऐसे में आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन इसे बार-बार करने से आपको परेशानी का सामना करना नही पड़ेगा। इस योगासन में आपको पेट के बल लेटना होगा। इसके बाद आपको अपनी एडियों को अपने हाथ से पकड़ना है। फिर धीरे-धीरे सांस लेते हुए जांघों को भी ऊपर उठाए। इसके साथ ही सिर को भी ऊपर उठाएं। इस अवस्था में थोड़े समय तक रूकने के बाद वापस नॉर्मल पोजीशन में आएं। इससे रीढ़ की हड्डी के साथ ही सीने में जलन की समस्या भी ठीक होती है।
चक्रासन
इस आसन से फेफडों को स्ट्रेच किया जाता है। रीढ़ की हड्डी का लचीलापन बेहतर बनाने लिए आप चक्रासन कर सकते हैं। इससे पैर, कंधा और पेल्विक एरिया मजबूत होते हैं। इसे करने के लिए आप पीट के बल लेट जाएं। इसके बाद अपने पैरों को तब तक मोड़ें जब तक कि पैर और हथेली सपाट न हो जाए। इस आसन को आपको इस तरह करना होता है कि आपका शरीर उल्टा यू बनें। इस योगासन में रीढ़ की हड्डी को ऊपर की ओर उठाना होता है। इस पोजीशन में करीब 2 से 5 मिनट तक रहना होता हैं। इससे गर्दन की मांसपेशियों के साथ पेट और कंधों की मांसपेशियां भी लचीली बनती हैं। इस आसन को करने पर शरीर चक्र का आकार ले लेता है। इसलिए इस आसन को आमतौर पर व्हील पोज के नाम से जाना जाता है।