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Parijat ke Fayde: पारिजात का पेड़ अत्यंत गुणकारी होता है। औषधीय गुणों से भरपूर पारिजात के पेड़ का आयुर्वेद में बहुत महत्व है। इसके सेवन से आपको कई लाभ हो सकते हैं। तो आइए जानते हैं पारिजात के लाभ और उपचार के बारे में।

Parijat ke Fayde: हमारी धरती पर कई ऐसे पेड़-पौधे और जड़ी-बूटियां शामिल हैं जो आयुर्वेद में कई स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज या उपचार करने में कामगार साबित होते हैं। ये पौधे और जड़ी -बूटियां आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छे साबित हो सकते हैं। इन्हीं में से एक है पारिजात का पेड़। पारिजात का पेड़ अत्यंत गुणकारी होता है। लेकिन यह बहुतायत से उगता नहीं है।

औषधीय गुणों से भरपूर पारिजात के पेड़ का आयुर्वेद में बहुत महत्व है। क्षेत्रीय भाषाओं में पारिजात, को हरसिंगार, कूरी, सिहारु, नाइट जैसमिन, रागपुष्पी, गंगा सेयोली, पारडिक, जया पार्वती और ट्रीटी सैडनेस नामों से भी जाना जाता है। पारिजात के उपयोगी हिस्से इसके पत्ते, जड़, छाल, बीज और फूल हैं। परिजात के इन भागों के सेवन से आपको कई लाभ हो सकते हैं।

पारिजात के सेवन के लाभ
पारिजात के बीजों का सेवन बवासीर की बीमारी में लाभदायक है। सर्दी, जुकाम और खांसी में इसके पत्तों का सेवन हितकर है। साथ ही ये पेट के कीड़ों को भी नष्ट करता है। जोड़ों का दर्द, आर्थराइटिस के मरीजों के लिए भी इसका सेवन गुणकारी होता है। एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होने के कारण यह कई बीमारियों में लाभदायक साबित होता है। इसके पत्ते और छाल का सेवन बुखार को तुरंत कम करता है, इसलिए मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया में पारिजात बहुत लाभदायक होता है। मधुमेह रोगियों के लिए इसके पत्तों के काढ़े का सेवन बहुत गुणकारी होता है।

सेवन का तरीका: आइए अब जानते हैं पारिजात के सेवन के तरीके कों के बारे में।

  • अगर आप डैंड्रफ से परेशान हैं या दूषित खान-पान, कार्य की व्यस्तता, पोषक तत्वों की कमी के कारण सिर के बाल झड़ रहे हैं तो ऐसे में पारिजात के बीजों का पेस्ट सिर पर लगाने से डैंड्रफ और सिर के बाल झड़ने जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। सिर पर फुंसियां होती हैं या खुजाने से बॉडी पर घाव हो जाता है तो भी इसके बीज का पेस्ट फायदेमंद होता है।
  • गले की बीमारी गलशुंडी से परेशान हैं तो इसकी जड़ को चबाने से गले को आराम मिलता है।
  • नाक या कान से खून आता हो तो इसकी जड़ अच्छी तरह धोकर चबाने से राहत मिलती है।
  • बार-बार पेशाब आने से परेशान हैं तो इसके पत्ते, जड़ और फूल को मिलाकर काढ़ा बनाकर दो से चार चम्मच दिन में दो बार लेना फायदेमंद हो सकता है।
  • शरीर में दर्द वाले स्थान पर इसके पत्तों को पीस कर गुनगुना करके दर्द वाले स्थान पर लगाने से दर्द से राहत मिलती है।
  • दाद से परेशान हों तो इसके पत्तों को पीसकर रस निकालकर दाद पर लगाएं, इससे आपको आराम मिलेगा।

(Disclaimer: यहां बताए गए उक्त सभी उपाय व उपचार सामान्य जानकारी के लिए हैं। प्रयोग करने से पहले अपने अनुभवी वैद्य या आयुर्वेद विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।)
-वैद्य हरिकृष्ण पांडेय ‘हरीश’

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