Gut Health: बदलते मौसम में गट हेल्थ का ख्याल रखना है जरूरी, 5 तरीकों से करें केयर, पाचन रहेगा दुरुस्त

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गट हेल्थ को बेहतर बनाए रखने के टिप्स।

Gut Health Care: आंतों की सेहत का खास ख्याल रखना जरूरी है, उस वक्त जब मौसम बदल रहा हो। आइए जानते हैं गट केयर के टिप्स।

Gut Health Care: बदलता मौसम केवल बाहरी वातावरण को ही नहीं, बल्कि हमारे शरीर के भीतरी संतुलन को भी प्रभावित करता है। खासतौर पर पेट और पाचन तंत्र (गट हेल्थ) इस बदलाव का सबसे पहला शिकार बनता है। गर्मी से बारिश या सर्दी में बदलते समय बैक्टीरिया की सक्रियता, खानपान में बदलाव और पानी की गुणवत्ता सीधे गट हेल्थ को प्रभावित करते हैं, जिससे गैस, अपच, दस्त या पेट दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

एक स्वस्थ गट न केवल पाचन को दुरुस्त रखता है, बल्कि इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है। मौसम परिवर्तन के दौरान गट हेल्थ का ख्याल रखना हमारी समग्र सेहत के लिए बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं ऐसे पाँच असरदार तरीके, जो बदलते मौसम में आपके गट को स्वस्थ बनाए रख सकते हैं।

5 तरीकों से गट हेल्थ बनाएं बेहतर

प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थों का सेवन करें

दही, छाछ, किमची, कांबुचा और अचार जैसे प्रोबायोटिक युक्त खाद्य पदार्थ गट में गुड बैक्टीरिया को बनाए रखने में मदद करते हैं। ये पाचन में सुधार करते हैं और मौसम जनित संक्रमणों से लड़ने में सहायक होते हैं। रोज़ाना एक कटोरी ताज़ा दही खाना एक आसान और प्रभावी तरीका है गट हेल्थ को मजबूत बनाए रखने का।

फाइबर युक्त आहार शामिल करें

फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और दालों में मौजूद फाइबर पाचन क्रिया को सुचारू बनाए रखते हैं। ये कब्ज की समस्या को रोकते हैं और गट माइक्रोबायोम को पोषण प्रदान करते हैं। मौसम के बदलाव के समय जब पाचन प्रक्रिया धीमी हो सकती है, फाइबर का सेवन उसे सामान्य बनाए रखने में मदद करता है।

हाइड्रेशन बनाए रखें

पर्याप्त मात्रा में पानी पीना गट को साफ और एक्टिव बनाए रखता है। बदलते मौसम में लोग अक्सर पानी कम पीते हैं, जिससे डिहाइड्रेशन और कब्ज की समस्या हो सकती है। गुनगुना पानी पीना और इलेक्ट्रोलाइट युक्त पेय लेने से शरीर और गट दोनों को राहत मिलती है।

संक्रमण से बचाव करें

मानसून या सर्दियों के समय पानी और भोजन के जरिए संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। साफ पानी पिएं, खाना अच्छे से पका हो और बाहर का खाना कम से कम खाएं। हाथों की सफाई और बर्तन की स्वच्छता पर भी ध्यान दें ताकि हानिकारक बैक्टीरिया गट में न पहुँचें।

तनाव को कम करें और नींद पूरी लें

तनाव और नींद की कमी सीधे गट हेल्थ पर असर डालते हैं। स्ट्रेस हार्मोन गट माइक्रोबायोम को असंतुलित कर सकते हैं। रोज़ाना कम से कम 7-8 घंटे की नींद और ध्यान, योग या प्राणायाम जैसी तकनीकों से गट हेल्थ को बैलेंस में रखा जा सकता है।

(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी विशेषज्ञ/डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)

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