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AstraZeneca Covishield vaccine side effects Row: ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोविड वैक्सीन को दुनिया में 'कोविशील्ड' और 'वैक्सजेवरिया' ब्रांड नामों के तहत बेचा गया था। यूके में जेमी स्कॉट नाम के एक पीड़ित ने मुकदमा किया था।

AstraZeneca Covishield vaccine side effects Row: कोविशील्ड वैक्सीन पर उंगली उठने के बाद भारत के 2 परिवारों ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) पर मुकदमा करने का फैसला किया है। वेणुगोपाल गोविंदन की बेटी करुण्या की जुलाई 2021 में मौत हो गई थी। उनका आरोप है कि कोविशील्ड वैक्सीन की डोज लेने के बाद करुण्या की जान गई थी। वहीं, दूसरे परिवार ने कहा कि आरटीआई में उनकी बेटी की मौत की वजह टीटीएस (थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम) सामने आई थी। 

सीरम इंस्टीट्यूट ने ब्रिटेन की फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के फार्मूले पर तैयार कोविशील्ड वैक्सीन बनाई थी। एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटिश हाईकोर्ट ने स्वीकार किया है कि उनकी कोविड वैक्सीन से खतरनाक साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। 

जांच में नहीं मिले थे वैक्सीन के दुष्प्रभाव के सबूत
वेणुगोपालन गोविंदन ने बेटी करुण्या की जुलाई 2021 में मौत के बाद सरकार से शिकायत की थी। सरकार ने राष्ट्रीय समिति का गठन किया था। समिति ने जांच के बाद निष्कर्ष निकाला था कि करुण्या की मौत का कारण वैक्सीन है, इस बात सबूत नहीं मिले थे। 

गोविंदन ने मुआवजे और बेटी की मौत की जांच के लिए एक स्वतंत्र मेडिकल बोर्ड बनाए जाने के लिए याचिका दायर की थी। याचिका सरकार और वैक्सीन को मंजूरी देने वाले अधिकारियों के खिलाफ है। इस मामले में सीरम इंस्टीट्यूट कोई पक्ष नहीं था। अब वह सीरम इंस्टीट्यूट को भी पक्ष बनाने के लिए जुट गए हैं। 

रितिका की 14 दिन बाद हो गई थी मौत
वहीं, एक अन्य परिवार ने कहा कि आरटीआई से उनकी बेटी की मौत की वजह टीटीएस सामने आई है। बेटी का नाम रितिका है। उसकी उम्र 18 साल थी। परिवार के मुताबिक रीतिका ने मई में कोविशील्ड की पहली डोज ली थी। इसके 7 दिन बाद उसे तेज बुखार और उल्टी की शिकायत हुई। एमआरआई कराई गई तो पता चला कि ब्रेन में क्लॉटिंग हुई है। 2 हफ्ते बाद बेटी की मौत हो गई। बेटी के मौत की सही वजह जानने के लिए परिवार ने दिसंबर 2021 में आरटीआई दाखिल की थी। 

दरअसल, ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोविड वैक्सीन को दुनिया में 'कोविशील्ड' और 'वैक्सजेवरिया' ब्रांड नामों के तहत बेचा गया था। यूके में जेमी स्कॉट नाम के एक पीड़ित ने मुकदमा किया था। जेमी स्कॉट को अप्रैल 2021 में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन लेने के बाद ब्रेन में क्लॉटिंग हुई थी। 

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