Deezer की नई पहल: अब AI से बना म्यूजिक होगा फ्लैग, स्ट्रीमिंग धोखाधड़ी पर लगेगी लगाम

deezer to flag AI generated music combat streaming fraud
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Deezer की सांकेतिक तस्वीर

म्यूजिक स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म Deezer ने AI-जनरेटेड गानों को पहचानकर फ्लैग करने का फैसला लिया है। कंपनी का दावा है कि 18% नए गाने अब पूरी तरह AI से बनाए जा रहे हैं और इनमें से कई बॉट्स द्वारा स्ट्रीम कर धोखाधड़ी से रॉयल्टी बटोरते हैं। जानिए Deezer का अगला कदम।

पेरिस स्थित म्यूज़िक स्ट्रीमिंग सेवा Deezer ने एक बड़ा कदम उठाते हुए कहा है कि अब वह AI-जनरेटेड गानों को प्लेटफॉर्म पर फ़्लैग करना शुरू करेगा। कंपनी का यह फैसला म्यूजिक स्ट्रीमिंग धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के मकसद से लिया गया है, जहां जनरेटिव AI टूल्स की मदद से हजारों की संख्या में नकली गाने अपलोड कर रॉयल्टी कमाने की कोशिश की जा रही है।

Deezer अब ऐसे एल्बम्स पर "AI-जनरेटेड कंटेंट" का ऑन-स्क्रीन लेबल दिखाएगा, जिससे श्रोताओं को यह जानकारी मिल सके कि कौन से ट्रैक कंप्यूटर जनरेटेड हैं।

AI म्यूजिक का बढ़ता संकट
Deezer के CEO एलेक्सिस लैंटर्नियर ने कहा कि कंपनी संगीतकारों और गीतकारों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उनका कहना है कि AI का उपयोग तब तक स्वीकार्य है जब तक इसके पीछे कोई असली कलाकार हो। लेकिन समस्या तब शुरू होती है जब बॉट्स और धोखेबाज़ प्लेटफॉर्म पर हजारों नकली गाने अपलोड करके रॉयल्टी कमाते हैं।

Deezer द्वारा शुरू किए गए AI डिटेक्शन टूल के अनुसार, अब हर दिन लगभग 20,000 गाने (18%) AI से बनाए जा रहे हैं, जो सिर्फ़ तीन महीने पहले 10% थे। हालांकि, इन AI ट्रैक्स का कुल स्ट्रीमिंग शेयर सिर्फ़ 0.5% है, लेकिन इनमें से करीब 70% स्ट्रीमिंग इंसानों की बजाय बॉट्स द्वारा की जाती है — जो इसे एक धोखाधड़ी-प्रधान मॉडल बनाता है।

AI बनाम म्यूजिक इंडस्ट्री
AI जनरेटेड संगीत ने पूरी म्यूजिक इंडस्ट्री में बहस छेड़ दी है। जबकि कुछ इसे रचनात्मकता की नई दिशा मानते हैं, कई कलाकार और रिकॉर्ड लेबल इसे कॉपीराइट उल्लंघन का मामला बता रहे हैं।

AI संगीत जनरेटर टूल्स जैसे Suno और Udio पर अब तक कई मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। इन पर आरोप है कि उन्होंने मशहूर कलाकारों जैसे चक बेरी, मारिया कैरी और बोनी एम के गानों को बिना इजाजत कॉपी किया।

AI से लड़ाई में AI का इस्तेमाल
Deezer की खास बात यह है कि वह AI गानों की पहचान करने के लिए AI टूल्स का ही इस्तेमाल कर रहा है। लैंटर्नियर बताते हैं कि AI जनरेटेड गानों में ऐसे सूक्ष्म पैटर्न होते हैं, जिन्हें एक बार समझ लेने पर पहचाना जा सकता है। Deezer का एल्गोरिदम लगातार अपडेट किया जा रहा है ताकि हर दिन नए गानों की पहचान की जा सके।

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