Paytm पर बैंकिंग लाइसेंस रद्द होने का खतरा: 4 साल में तीसरी बार नियमों का उल्लंघन, अब RBI ले सकता है सख्त फैसला

Paytm Payments Bank
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विजय शेखर शर्मा Paytm Payments Bank के 51 फीसदी शेयर होल्डर हैं।
Paytm Payments Bank: आरबीआई ने बैंकिंग नियमों का सही तरीके से पालन नहीं करने पर पेटीएम पेमेंट बैंक और डिजिटल वॉलेट की सर्विसेस पर कुछ मामलों में रोक लगाई है। 

Paytm Payments Bank: देशभर में डिजिटल फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर की मशहूर कंपनी पेटीएम की मुश्किलें 29 फरवरी के बाद और बढ़ सकती हैं। नियमों के लगातार उल्लंघन को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) पेटीएम पेमेंट बैंक (Paytm Payments Bank) का लाइसेंस रद्द कर सकता है। आरबीआई ने बीते बुधवार को पेटीएम पेमेंट बैंक में नए ग्राहकों को जोड़ने और वॉलेट के इस्तेमाल पर रोक लगाई है। 29 फरवरी के बाद यह प्रतिबंध लागू होगा। चार साल में यह तीसरा मौका है जब पेमेंट बैंक पर RBI का चाबुक चला है।

पेटीएम पर ग्राहकों के दस्तावेजों को लेकर नियम के उल्लंघन और लेनदेन की सही जानकारी नहीं देने का आरोप है। बैंकिंग लाइसेंस कैंसिल करने को लेकर मामले की जानकारी रखने वाले एक आला अधिकारी ने कहा कि अभी आरबीआई ने इस पर कोई फैसला नहीं मिला है, लेकिन 29 जनवरी के बाद यह पेटीएम की रिप्रेजेंटेशन पर निर्भर करेगा। आरबीआई ने अभी इस बारे में किसी मेल का जवाब नहीं दिया है।

Paytm पर तीसरी बार RBI ने लिया एक्शन
पेटीएम पेमेंट बैंक ने 2017 के संचालन शुरू किया। पहली बार- आरबीआई ने 2018 में केवायसी प्रोसेस में झोल के कारण बैंक में नए ग्राहक जोड़ने पर प्रतिबंध लगाया। हालांकि, जनवरी 2019 में बैन वापस ले लिया। तब आरबीआई को पता चला था कि एक पैन नंबर से 1000 से ज्यादा खाते खोलने में इस्तेमाल हुआ।
दूसरी बार- मार्च 2022 में आरबीआई के निरीक्षण में पेमेंट बैंक की शिकायत निवारण रिपोर्ट में खामियां मिलीं और कई तो झूठे क्लेम से जुड़ी हुई थीं। मनी लॉन्ड्रिंग के मामले भी सामने आए। तब आईबीआई ने नए खाते खोलने और डिपॉजिट पर रोक लगाई थी।
तीसरी बार- 30 जनवरी 2024 को पेटीएम बैंक में रकम जमा करने या कंपनी के सभी ग्राहक अकाउंट्स में टॉपअप और प्रीपेड अकाउंट्स पर रोक लगाई। पेटीएम वॉलेट और फास्टैग सर्विस पर असर पड़ेगा। हालांकि, केंद्रीय बैंक का यह प्रतिबंध 1 मार्च 2024 से लागू होगा।

पेटीएम की ओर से दी गई सफाई?
Paytm Payments Bank के प्रवक्ता ने कहा कि केंद्रीय बैंक के हालिया निर्देश सुपरविजन और कंप्लायंस प्रोसेस का हिस्सा हैं। बैंक इसमें पूरा सहयोग कर रही है। साथ ही आरबीआई से मिले निर्देशों का भी पूरी तरह से पालन किया जा रहा है। कंपनी इस मामले को जल्द सुलझाने को लेकर पूरा प्रयास कर रही है।

पेटीएम खातों से मनी लॉन्ड्रिंग का शक?
ब्लूमबर्ग के सूत्रों का कहना है कि पेटीएम पेमेंट बैंक से अधिकांश खाते मिनिमम केवायसी पर खोले गए हैं। केवायसी नियमों को पूरी तरह से फॉलो नहीं किया गया है। इन्हीं खातों से प्रतिदिन करोड़ों रुपए का ट्रांजैक्शन हो रहा है। ऐसे में मनी लॉन्ड्रिंग में इन अकाउंट्स का इस्तेमाल होने की आशंका है। आरबीआई ने पिछले दो साल में केवायसी प्रोसेस को दुरुस्त करने के लिए कई बार पेटीएम को नोटिस भेजा था। जिसके बाद बीते बुधवार को नए खाते खोलने पर रोक और वॉलेट के यूज पर शिकंजा कसा था।

विजय शेखर हैं पेमेंट बैंक के 51% शेयर होल्डर
पेटीएम ऐसा डिजिटल फाइनेंस सर्विस प्लेटफॉर्म बनकर उभरा है, जिससे देश के हर शहर में छोटे से लेकर बड़े व्यापारी तक जुड़े हुए हैं। लेकिन आरबीआई की कार्रवाई के बाद अब पेटीएम पेमेंट बैंक लिमिटेड ऐसा प्रतिबंधित बैंक बन गया है, जो सिर्फ पैसा जमा कर सकता है। लेकिन कर्ज नहीं बांट सकता है। बता दें कि वन 97 कम्युनिकेशन लिमिटेड पेटीएम पेमेंट बैंक की पेरेंट कंपनी है। इसमें विजय शेखर शर्मा की 51 फीसदी हिस्सेदारी है।

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