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Budget Interesting Facts: पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नाम अब तक सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड है। उन्होंने 6 बार बजट पेश किया, इसमें एक अंतरिम बजट शामिल था।

FM Nirmala Sitharaman Budget 2024 Records: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करने के साथ नए रिकॉर्ड बना सकती हैं। यह सीतारमण के कार्यकाल में छठा बजट होगा। ऐसा कर वे 4 पूर्व वित्त मंत्रियों को पीछे छोड़ देंगी और पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई की बराबरी करेंगी। देसाई के नाम 1959-1964 के बीच संसद में 6 बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड है। इसमें एक अंतरिम बजट शामिल है। इसके अलावा सीतारमण पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बाद संसद में बजट पेश करने वाली दूसरी महिला हैं।  

मोदी सरकार में पहले वित्त मंत्री थे अरुण जेटली
सीतारमण (Nirmala Sitharaman) इस बार अंतरिम बजट पेश करने के बाद मनमोहन सिंह, अरुण जेटली, पी. चिदंबरम और यशवंत सिन्हा जैसे पूर्व वित्त मंत्रियों से आगे निकल जाएंगी। इन चारों नेताओं ने 5-5 बार बजट पेश किया है। 2014 में पहली बार मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद अरुण जेटली ने वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाला था और 2014-15 से 2018-19 तक लगातार पांच बार बजट पेश किए।

इस साल चुनाव के कारण आएगा अंतरिम बजट 
1 फरवरी को वित्त वर्ष 2024-25 का पेश होने वाला अंतरिम बजट (Interim Budget) एक मजबूत लेखानुदान होगा, जो मौजूदा सरकार को अप्रैल-मई के आम चुनावों के बाद नई सरकार आने तक आवश्यक खर्च का अधिकार देगा। जून के आसपास नई सरकार के गठन के बाद जुलाई में 2024-25 के लिए पूर्ण बजट आएगा। आम चुनाव के कारण 1 फरवरी को बजट में बड़ा नीतिगत बदलाव होने की संभावना कम ही है। वित्त मंत्री ने पिछले महीने अंतरिम बजट में कोई बड़ी घोषणा से इनकार किया था।

सीतारमण, इंदिरा के बाद बजट पेश करने वाली दूसरी महिला
अरुण जेटली के खराब स्वास्थ्य के कारण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे पीयूष गोयल ने 1 फरवरी, 2019 को अंतरिम बजट पेश किया था। इसी साल चुनाव के बाद सत्ता में लौटी मोदी सरकार ने निर्मला सीतारमण को वित्त विभाग की जिम्मेदारी सौंपी। वह इंदिरा गांधी के बाद बजट पेश करने वाली दूसरी महिला बनी थीं। दूसरी ओर, बजट को लेकर अहम बदलाव साल 2017 में हुआ था। तब सरकार ने फरवरी के आखिरी कार्य दिवस की जगह 1 तारीख को बजट पेश करने का फैसला लिया। इसके बाद 28 फरवरी को बजट पेश करने की परंपरा खत्म हो गई थी।

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