Infosys result: नारायण मूर्ति के 17 महीने के पोते की कमाई CEO से ज्यादा! दादा के फैसले से एक झटके में कमाए 3 करोड़

Infosys Dividend: इंफोसिस के को-फाउंडर नारायणमूर्ति के 17 महीने का पोता एकाग्र रोहन मूर्ति एक झटके में करोड़पति बन गया। एकाग्र को मार्च 2025 में खत्म हुए फाइनेंशियल ईयर के लिए कंपनी की तरफ से 3.3 करोड़ रुपये का डिविडेंड मिलेगा। इससे वह भारत के सबसे कम उम्र के करोड़पतियों में शुमार हो गए।
नवंबर 2023 में बेंगलुरु में जन्मे एकाग्र, रोहन मूर्ति और उनकी पत्नी अपर्णा कृष्णन के बेटे हैं। वे नारायण मूर्ति और राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति के तीसरे पोते हैं। उनके दो कज़िन- कृष्णा और अनुष्का- अक्षता मूर्ति और ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की बेटियां हैं।
एकाग्र के नाम फिलहाल इंफोसिस के 15 लाख शेयर हैं, जो कंपनी की कुल हिस्सेदारी का 0.04 फीसदी है। ये शेयर उन्हें मार्च 2024 में, सिर्फ 4 महीने की उम्र में उनके दादा नारायण मूर्ति ने गिफ्ट किए थे। उस वक्त इन शेयरों की वैल्यू 240 करोड़ रुपये से ज्यादा थी।
बीते गुरुवार को इंफोसिस ने अपने फाइनेंशियल ईयर के आखिरी डिविडेंड का ऐलान किया था- 22 रुपये प्रति शेयर। इस हिसाब से एकाग्र को 15 लाख शेयरों पर कुल 3.3 करोड़ रुपये मिलेंगे। इससे पहले कंपनी ने साल में 49 रुपये प्रति शेयर का इंटरिम डिविडेंड दिया था, जिससे एकाग्र को 7.35 करोड़ रुपये मिल चुके हैं। कुल मिलाकर इस साल उनकी डिविडेंड इनकम 10.65 करोड़ रुपये हो गई।
इंफोसिस ने बताया कि डिविडेंड पाने के लिए रिकॉर्ड डेट 30 मई तय की गई है और भुगतान 30 जून को होगा। सिर्फ एकाग्र ही नहीं, मूर्ति परिवार के बाकी सदस्य भी इस डिविडेंड से करोड़ों कमाएंगे। नारायण मूर्ति को मिलेंगे 33.3 करोड़ रुपये मिलेंगे जबकि उनकी पत्नी सुधा मूर्ति को मिलेंगे 76 करोड़ रुपये मिलेंगे। बेटी अक्षता मूर्ति, जिनके पास 3.89 लाख शेयर हैं, उन्हें मिलेंगे 85.71 करोड़ रुपये मिलेंगे।
1981 में सिर्फ 10,000 रुपये की पूंजी से शुरू हुई इंफोसिस आज देश की टॉप आईटी कंपनियों में गिनी जाती है। सुधा मूर्ति ने इसकी नींव में अपनी सेविंग्स लगाई थीं और 25 साल तक इंफोसिस फाउंडेशन की चेयरपर्सन रहीं। 2021 में रिटायरमेंट के बाद भी वे सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं और हाल ही में राज्यसभा के लिए नामित हुईं हैं।
(प्रस्तुति: प्रियंका)
