Kanwar Yatra Niyam: कांवड़ यात्रा में भूलकर भी न करें ये गलतियां, झेलनी पड़ सकती है भोलेनाथ की नाराजगी

Kanwar Yatra Niyam
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कांवड़िए सावन के महीने में तांबे अथवा मिट्ठी के बर्तन में गंगाजल भरकर पैदल यात्रा करते है
कांवड़िए सावन के महीने में तांबे अथवा मिट्ठी के बर्तन में गंगाजल भरकर पैदल यात्रा करते है और अपने निवास के नजदीक स्तिथ शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग का अभिषेक करते है।

Kanwar Yatra 2024: पंचांग के अनुसार सावन के महीने की शुरुआत कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को होती है। इस वर्ष यह तिथि 21 जुलाई रविवार की दोपहर 3 बजकर 46 मिनट से शुरू हो रही है। वहीं इसका समापन 22 जुलाई सोमवार के दिन दोपहर 1 बजकर 11 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि के मुताबिक सावन का महीना 22 जुलाई 2024 सोमवार से शुरू होकर 19 अगस्त 2024 सोमवार तक रहेगा। यह पूरा महीना भोलेनाथ को समर्पित है।

सावन के महीने में शिव भक्त बेहद प्रसन्न रहते है। इस महीने में 'कांवड़ यात्रा' निकालने का भी विशेष महत्त्व माना गया है। जो भी शिव भक्त कांवड़ लेकर यात्रा करते है, उन्हें कांवड़िए के नाम से जाना जाता है। कांवड़िए सावन के महीने में तांबे अथवा मिट्ठी के बर्तन में गंगाजल भरकर पैदल यात्रा करते है और अपने निवास के नजदीक स्तिथ शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग का अभिषेक करते है। कहा जाता है कि ऐसा करने से भक्तों पर भोलेनाथ की कृपा होती है।

कांवड़ यात्रा के नियम
(Kanwar Yatra Niyam)

  • - कांवड़ यात्रा के दौरान किसी भी तरह का नशा, मदिरा, मांस और तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए।
  • - कांवड़ यात्रा करने वाले व्यक्ति को बिना स्नान किए कावड़ को स्पर्श नहीं करना चाहिए।
  • - कांवड़ यात्रा करने वाले व्यक्ति को अपने कावड़ को चमड़े से स्पर्श नहीं होने देना चाहिए।
  • - कावड़ यात्रा के दौरान व्यक्ति को किसी भी तरह के वाहन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
  • - कावड़ यात्रा में व्यक्ति को अपनी कावड़ चारपाई या वृक्ष के नीचे नहीं रखनी चाहिए।
  • - कावड़ यात्रा में व्यक्ति को अपनी कावड़ को सिर के ऊपर से भी नहीं लेकर जाना चाहिए।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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