US News: अमेरिका में भारतीय टेक्नीशियन को पुलिस ने मारी गोली, LinkedIn पोस्ट में श्वेत नस्लवाद का किया था विरोध
अमेरिका में 30 वर्षीय भारतीय टेक्नीशियन मोहम्मद निज़ामुद्दीन की पुलिस ने गोली मारकर जान ले ली। अब निज़ामुद्दीन की एक LinkedIn पोस्ट सामने आई है, जिसमें उन्होंने श्वेत नस्लवाद और कार्यस्थल पर भेदभाव का आरोप लगाया था।
US News: अमेरिका में तेलंगाना के महबूबनगर जिले के रहने वाले 30 वर्षीय भारतीय टेक्नीशियन मोहम्मद निज़ामुद्दीन की 3 सितंबर को पुलिस द्वारा गोली मारकर जान ले ली गई। इस घटना से पहले, मोहम्मद ने अपने LinkedIn अकाउंट पर एक पोस्ट लिखी थी, जिसमें उन्होंने श्वेत नस्लवाद और कार्यस्थल पर भेदभाव का विरोध किया था।
मोहम्मद ने अपनी पोस्ट में लिखा था, ''अब और नहीं, श्वेत नस्लवाद और नस्लीय मानसिकता का अंत होना चाहिए।''
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें काम के लिए उचित वेतन नहीं मिला और गलत तरीके से नौकरी से निकाल दिया गया। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि उनके खाने में ज़हर मिलाया गया और उन्हें घर से बाहर निकालने की कोशिश की गई।
पुलिस ने क्या कहा?
3 सितंबर को, मोहम्मद और उनके कमरेदार के बीच झगड़ा बढ़ गया, जिसके बाद पुलिस को बुलाया गया। पुलिस का कहना है कि जब वे मौके पर पहुंचे, तो मोहम्मद ने अपने कमरेदार को चाकू से घायल कर दिया था। पुलिस ने स्थिति को शांत करने की कोशिश की, लेकिन जब मोहम्मद ने चाकू को कमरेदार की ओर बढ़ाया, तो पुलिस को उसे गोली मारनी पड़ी। मोहम्मद को अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
निज़ामुद्दीन के परिवार ने बताया कि उन्हें इस घटना के बारे में बाद में जानकारी मिली। उनके पिता, मोहम्मद हसनुद्दीन ने कहा कि उन्हें यह खबर सिर्फ गुरुवार को दी गई थी।
श्वेत नस्लवाद पर सवाल
मोहम्मद निज़ामुद्दीन की LinkedIn पोस्ट ने अमेरिका में श्वेत नस्लवाद और कार्यस्थल पर भेदभाव के मुद्दे को उजागर किया है। उन्होंने खुलकर बताया कि कैसे उन्हें अपने काम में शोषण और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। यह घटना अमेरिका में रहने वाले भारतीयों और अन्य एशियाई समुदायों के लिए चिंता का कारण बन गई है।
इस घटना ने अमेरिका में नस्लीय भेदभाव और पुलिस द्वारा की जाने वाली हत्याओं के खिलाफ एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब इस मामले की जांच की जा रही है और मोहम्मद के परिवार को न्याय की उम्मीद है।