'चीन को छूट और भारत को सजा': डोनाल्ड ट्रंप की दोहरी नीति का अमेरिका में ही विरोध; निकी हेली ने उठाए सवाल

भारत-रूस व्यापार रोकने ट्रंप की धमकी पर भारत का पलटवार। विदेश मंत्रालय ने अमेरिका ने रूस से आयात जारी रखने का हवाला देते हुए इसे अनुचित बताया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।

Updated On 2025-08-06 10:06:00 IST

ट्रंप की धमकी पर भारत का जवाब: यूरेनियम और पैलेडियम तो आप भी रूस से खरीदते हैं

Trump India Russia trade dispute: भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्तों में खटास बढ़ती ही जा रही है। भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान की आलोचना की है, जिसमें उन्होंने रूस से सैन्य उपकरण और तेल खरीदने का हवाला देते हुए भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। भारत ने इस पर पलटवार करते हुए कहा, अमेरिका खुद भी रूस से रणनीतिक वस्तुएं खरीद रहा है। ट्रंप की इस नीति का विरोध यूएस में ही होने लगा है। उकनी पार्टी की निकी हेली ने 'चीन को छूट और भारत को सजा' वाली नीति को दोहरे मापदंड बताया है।

भारत-रूस व्यापार पर ट्रंप ने क्या कहा? 

वाशिंगटन में 5 अगस्त को मीडिया से चर्चा करते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता, मुझे इसकी जांच करनी होगी। लेकिन हम इस पर बात करेंगे। पिछले हफ्ते ट्रंप ने भारतीय आयातों पर 25% टैरिफ और अन्य दंडात्मक शुल्क की चेतावनी दी थी। उन्होंने संकेत दिया कि यदि भारत रूस से व्यापार बंद नहीं करता तो 100% टैरिफ भी लागू हो सकते हैं।

भारत ने दिया करारा जवाब 

  • भारत ने डोनाल्ड ट्रंप के दावों को खारिज करते हुए कहा, अमेरिका भी रूस से यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड, पैलेडियम, रसायन और उर्वरक खरीद रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, रूस से सिर्फ भारत ही व्यापार कर रहा है, यह कहना तथ्यात्मक रूप से गलत और अनुचित है। हम अपने राष्ट्रीय हितों के अनुसार ही फैसले लेते हैं।
  • प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साफ किया कि भारत की ऊर्जा और रक्षा आवश्यकताओं के निर्णय किसी तीसरे देश के कहने पर नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक हितों के आधार पर तय किए जाते हैं।

भारत बना रूस का दूसरा सबसे बड़ा तेल खरीदार

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने वित्त वर्ष 2024-25 में रूसी तेल का आयात 50.2 अरब डॉलर तक किया है। यूक्रेन युद्ध के बाद अमेरिका और पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाए थे, लेकिन भारत ने रियायती दरों पर रूसी तेल खरीदना जारी रखा। भारत का तर्क है कि वह वैश्विक ऊर्जा बाजार और किफायती आपूर्ति को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेता है।

निक्की हेली का भारत को समर्थन, चीन पर हमला 

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की इस सख्ती का विरोध उनकी ही पार्टी में होने लगा है। भारतीय मूल की हेली ने अपने 'एक्स' हैंडल पर लिखा है कि भारत को रूस से तेल नहीं खरीदना चाहिए, लेकिन चीन को टैरिफ से छूट क्यों? चीन, रूस और ईरान का सबसे बड़ा तेल खरीदार है। भारत जैसे मजबूत सहयोगी से रिश्ते खराब न करें।

क्या वाकई लागू होंगे ट्रंप के 100% टैरिफ?

राष्ट्रपति ट्रंप से पत्रकार ने जब यह पूछा कि क्या वह 100% टैरिफ लागू करेंगे तो उन्होंने कहा, मैंने कभी प्रतिशत की बात नहीं की, लेकिन हम इसका काफी हिस्सा लागू करेंगे। देखते हैं क्या होता है। ट्रंप ने एक महीने पहले ही रूस के साथ व्यापार करने वाले देशों पर द्वितीयक टैरिफ लगाने की बात कही थी और 50 दिनों के भीतर युद्धविराम की डेडलाइन भी तय की थी।

टैरिफ की चेतावनी के बीच भारत का रुख 

ट्रंप की धमकियों के बावजूद, भारत सरकार ने रूसी आयात को रोकने के लिए कोई आधिकारिक निर्देश नहीं दिया है। सरकार का कहना है कि वह बाजार, ऊर्जा आवश्यकताओं और वैश्विक हालातों को ध्यान में रखते हुए अपने निर्णय लेती है। भारत ने साफ संदेश दिया है कि वह किसी तीसरे देश के दबाव में नहीं आएगा और अपने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देगा।

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