पीएम मोदी-जेलेंस्की फोन वार्ता: शांति, कूटनीति और वैश्विक सहयोग पर जोर, 19 दिनों में दूसरी बातचीत
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के बीच 30 अगस्त 2025 को फोन वार्ता हुई। बातचीत में यूक्रेन संघर्ष, मानवीय प्रभाव और शांति स्थापना के प्रयासों पर चर्चा हुई। 19 दिन भीतर दोनों नेताओं के बीच ये दूसरी बार बातचीत हुई।
PM मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की फोन पर बातचीत। (फाइल फोटो)
Modi Zelenskyy Phone Call: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के बीच शनिवार, 30 अगस्त 2025 को फोन पर महत्वपूर्ण बातचीत हुई। इस वार्ता में दोनों नेताओं ने यूक्रेन में चल रहे संघर्ष, इसके मानवीय प्रभावों और शांति स्थापना के प्रयासों पर गहन विचार-विमर्श किया। दोनों नेताओं के बीच 19 दिनों में यह दूसरी बार बातचीत हुई।
पीएम मोदी ने इस बातचीत के लिए राष्ट्रपति जेलेंस्की का आभार व्यक्त किया और भारत की शांति व कूटनीति के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराया। यह वार्ता वैश्विक मंच पर भारत की सक्रिय और संतुलित भूमिका को रेखांकित करती है।
बातचीत से जुड़े मुख्य बिंदु
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''आज राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से फोन पर बात की। हमने यूक्रेन संघर्ष, मानवीय पहलुओं और शांति बहाली के प्रयासों पर विचार साझा किए। भारत इन सभी कोशिशों को पूरा समर्थन देता है।''
यह वार्ता 11 अगस्त 2025 को हुई पिछली फोन कॉल का ही विस्तार थी। उस समय भी पीएम मोदी ने यूक्रेन संकट का शांतिपूर्ण हल और भारत-यूक्रेन संबंधों को मजबूत करने की बात कही थी। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भी भारत के सहयोग और पीएम मोदी के समर्थन की सराहना की थी।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर की चर्चा
इसी बीच, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने फिनलैंड की विदेश मंत्री एलिना वाल्टोनन से टेलीकॉन्फ्रेंस पर बातचीत की। उन्होंने कहा कि भारत को इस संकट में अनुचित तरीके से निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए, क्योंकि भारत हमेशा बातचीत और कूटनीति का समर्थन करता आया है।
जयशंकर ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत का रुख तटस्थ और संतुलित है। भारत ने कभी युद्ध को नहीं, बल्कि शांति और समाधान को प्राथमिकता दी है।
वैश्विक संदर्भ में भारत की भूमिका
रूस-यूक्रेन युद्ध ने दुनिया के सामने ऊर्जा संकट, खाद्य सुरक्षा और सप्लाई चेन की दिक्कतें खड़ी कर दी हैं। ऐसे समय में भारत ने संतुलित नीति अपनाते हुए दोनों पक्षों से संवाद बनाए रखा है।
पीएम मोदी ने रूस और यूक्रेन, दोनों के नेताओं से शांति बहाली के प्रयासों पर बातचीत की है। भारत का यह रवैया न सिर्फ क्षेत्रीय स्थिरता बल्कि वैश्विक शांति के लिए भी अहम माना जा रहा है।
जेलेंस्की ने भी दी बातचीत की जानकारी
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि उन्होंने पीएम मोदी को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूरोपीय नेताओं के साथ हुई अपनी बातचीत के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शांति की दिशा में सभी साझेदार एक साझा दृष्टिकोण रखते हैं, लेकिन रूस की तरफ से अभी तक कोई सकारात्मक संकेत नहीं मिला है।
जेलेंस्की ने कहा कि पीएम मोदी ने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और आने वाले SCO शिखर सम्मेलन में रूस तक सही संदेश पहुंचाने का भरोसा दिया। साथ ही दोनों नेताओं ने आपसी संबंधों को आगे बढ़ाने और संयुक्त अंतर-सरकारी आयोग की बैठक की तैयारी पर भी चर्चा की।
11 अगस्त को भी हुई थी पीएम मोदी और जेलेंस्की के बीच बातचीत
11 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के बीच भी एक महत्वपूर्ण टेलीफोन वार्ता हुई थी। इस दौरान दोनों नेताओं ने यूक्रेन संकट की वर्तमान स्थिति, शांति की संभावनाएं और द्विपक्षीय साझेदारी पर गहराई से चर्चा की। पीएम मोदी ने बातचीत में दोहराया कि डायलॉग और कूटनीति ही इस संकट का स्थायी हल निकालेगा, और भारत जेलेंस्की को हर संभव सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है।
मोदी-जेलेंस्की वार्ता के मायने
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के बीच हुई हालिया बातचीत ने एक बार फिर भारत की शांति और कूटनीति के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित किया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर की फिनलैंड की विदेश मंत्री के साथ चर्चा भी इस दिशा में भारत की सक्रिय कूटनीतिक पहल को दर्शाती है। भारत न केवल यूक्रेन संकट के शांतिपूर्ण समाधान के लिए प्रयासरत है, बल्कि वैश्विक मंच पर एक जिम्मेदार और संतुलित भूमिका निभाने के लिए भी प्रतिबद्ध है।