जापान की बुलेट ट्रेन में सांप, बाप रे बाप: पहली बार 17 मिनट रुकी रही गाड़ी, कंपनी ने बताया कैसे पहुंचा 'प्रतिबंधित यात्री'

Snake on Japanese Bullet Train: ​​​​​​​जापान रेलवे के अनुसार, 1964 में पहली बार बुलेट ट्रेन लॉन्च की गई थी। तब से इस ट्रेन को कभी भी दुर्घटना का सामना नहीं करना पड़ा। ट्रेनें 0.2 मिनट की औसत देरी के साथ 285 किलोमीटर (177 मील) प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती हैं। 

Updated On 2024-04-17 13:55:00 IST
Snake on Japanese Bullet Train

Snake on Japanese Bullet Train: जापान में बुलेट ट्रेन को चलते हुए 50 साल हो चुके हैं। ये ट्रेनें 320 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार से चलती हैं। बावजूद इसके न तो कभी दुर्घटना हुई और न ही देरी से अपने गंतव्य तक पहुंचीं। इन्हें शिंकानसेवा कहा जाता है। लेकिन एक सांप ने पहली बार बुलेट ट्रेन को 17 मिनट की देरी करने पर मजबूर कर दिया। है न हैरान करने वाली बात...। जी हां ये बिलकुल सच है। 

नागोया और टोक्यो के बीच दिखा सांप
दरअसल, मंगलवार, 16 अप्रैल की शाम को एक यात्री एक बुलेट ट्रेन में सवार हुआ। नागोया और टोक्यो के बीच चलने वाली इस ट्रेन में उसकी नजर एक सांप पर पड़ी। सांप करीब 40 सेंटीमीटर यानी लगभग 16 इंच का था। वह सांप को देखकर डर गया। उसने सिक्योरिटी को सूचना दी। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों में अफरा तफरी मच गई। नतीजा ट्रेन 17 मिनट तक रुकी रही।

सांप से किसी यात्री को कोई नुकसान नहीं
मध्य जापान रेलवे कंपनी के एक प्रवक्ता ने एएफपी को बताया कि यह स्पष्ट नहीं है कि ठंडे खून वाला यात्री जहरीला था या नहीं। वह ट्रेन में कैसे पहुंचा। हालांकि किसी यात्री को सांप से नुकसान नहीं पहुंचा। 

क्या हैं ट्रेनों में सवारी के नियम
प्रवक्ता ने बताया कि शिंकानसेन बुलेट ट्रेन में यात्रियों को छोटे कुत्ते, बिल्लियां और कबूतर सहित अन्य जानवर लाने की छूट है। लेकिन सांपों के लाने पर प्रतिबंध है। फिलहाल, किसी स्टेशन पर जंगली सांप किसी तरह ट्रेन पर चढ़ जाएं, यह मुमकिन नहीं है। हमारे पास शिंकानसेन में सांप लाने के खिलाफ नियम हैं। उन्होंने कहा कि हम यात्रियों के सामान की जांच नहीं करते हैं।

प्रवक्ता ने बताया कि ट्रेन मूल रूप से ओसाका जाने वाली थी। लेकिन कंपनी ने यात्रा के लिए एक अलग ट्रेन का उपयोग करने का फैसला किया, जिससे लगभग 17 मिनट की देरी हुई।

2018 से बुलेट ट्रेनों की सुरक्षा में इजाफा
2018 में शिंकानसेन में एक घातक चाकूबाजी की घटना हुई थी। इस घटना ने आमतौर पर अति-सुरक्षित जापान को झकझोर कर रख दिया था। इसके बाद से बुलेट ट्रेनों में वर्दीधारी सुरक्षा गार्डों की गश्त बढ़ा दी गई है। 

भारत में कब चलेगी बुलेट ट्रेन
जापान रेलवे के अनुसार, 1964 में पहली बार बुलेट ट्रेन लॉन्च की गई थी। तब से इस ट्रेन को कभी भी दुर्घटना का सामना नहीं करना पड़ा। ट्रेनें 0.2 मिनट की औसत देरी के साथ 285 किलोमीटर (177 मील) प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती हैं। 

भारत में भी बुलेट ट्रेन जापान से ली जा रही है। भारत का पहला हाई स्पीड ट्रेन प्रोजेक्ट मुंबई से अहमदाबाद के बीच बन रहा है। उम्मीद है कि भारत में बुलेट ट्रेन चलने का सपना 2026 तक साकार हो जाए। इस रूट पर शिनकानसेन ई-5 सीरीज की बुलेट ट्रेन चलेगी। 

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