पाकिस्तान में नई सरकार जल्द: नवाज या बिलावल में कोई भी बने पीएम, भारत के साथ रिश्ते सुधरने की उम्मीद कम, जानिए क्यों?

Pakistan New Government: पाकिस्तान में जल्द ही नई सरकार बनने वाली है। नवाज शरीफ और बिलावल भुट्टो साथ आ सकते हैं। हालांकि, सरकार बदलने के बावजूद भारत के साथ पाकिस्तान के रिश्ते सुधरने के आसार कम हैं।

Updated On 2024-02-10 20:08:00 IST
नवाज शरीफ और बिलावल भुट्टो एक साथ आ सकते हैं।

Pakistan New Government soon: पाकिस्तान में हाल ही में हुए नेशनल असेंबली चुनावों के परिणाम त्रिशंकु रहे हैं।  किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। सेना की पसंदीदा मानी जा रही नवाज शरीफ की अगुवाई वाली पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) को सत्ता हासिल करने के लिए गठबंधन बनाना पड़ा है। जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के वफादार निर्दलीय उम्मीदवारों ने तमाम चुनौतियों के बाद भी अच्छा प्रदर्शन किया है। पीएमएल-एन ने 73 सीटों पर जीत हासिल की है। इमरान समर्थित कैंडिडेट्स को 100 सीटों पर जीत मिली है और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने 54 सीटों पर जीत हासिल की है।

पीएमएल-एन जोड़-तोड़ की कोशिश में
सत्तारूढ़ सेना समर्थित पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) किसी भी हाल में सरकार बनानी चाहती है। इसकी वजह से पाकिस्तान में विधायकों की खरीद-बिक्री और राजनीतिक जोड़ तोड़ की कोशिशें शुरू हो गई हैं। शनिवार को यह खबरें आईं कि नवाज शरीफ और बिलावल भुट्टो जरदारी साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं। हालांकि शाम को जरदारी ने कहा कि उनके पास न तो नवाज की तरफ से और न ही इमरान की ओर से गठबंधन का प्रस्ताव आया है। 

भारत को 'शांति का संदेश' देने का वादा
पाकिस्तान में भले ही प्रधान मंत्री कोई भी बने भारत के लिए समस्या कम होती नजर नहीं आ रही है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के प्रमुख नवाज शरीफ ने भारत के साथ रिश्ते सुधारने में दिलचस्पी दिखाई है। नवाज की पार्टी के घोषणापत्र में भारत को 'शांति का संदेश' देने का वादा किया गया है। हालांकि, इसके लिए जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 को फिर से बहाल करने की शर्त रखी गई है। 

भारत पर बिलावल का रुख अलग
पाकिस्तानी की राजनीति के प्रमुख चेहरे और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी का भारत पर अलग रुख है। उन्होंने रिश्तों को सामान्य बनाने की वकालत तो की है लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी की आलोचना की है। बिलावल की पार्टी को नेशनल असेंबली की 54 सीटों पर जीत हासिल हुई है। बिलावल की मां बेनजीर भुट्टो ने दिसंबर 1998 में पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत के साथ रिश्तों को सुधारने की कोशिश की थी। वह कई बार इंदिरा गांधी से प्रभावित होने की बात भी खुले तौर पर कहती थीं। 

इमरान ने तोड़े थे व्यापारिक संबंध
मौजूदा समय में भ्रष्टाचार के मामलों में जेल की सजा काट रहे इमरान खाने ने साल 2019 में पुलवामा हमले के बाद पीएम मोदी से शांति का मौका देने का अनुरोध किया था। इस मामले में मिली खुफिया जानकारी पर एक्शन लेने का आश्वासन दिया था। इमरान ने भारत और पाकिस्तान के बीच सीज फायर का ऐलान होने पर भी खुशी जाहिर की थी। हालांकि, अगस्त 2019 में भारत सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद दोनों देशों के बीच के व्यापारिक संबंध तोड़ दिए थे। 

सरकार बनाने का जादुई आंकड़ा 133
बता दें कि पाकिस्तान में नेशनल असेंबली की 336 में से 266 सीटों के लिए वोटिंग हुई। एक उम्मीदवार की मृत्यु के कारण बाजौर की एक सीट पर मतदान स्थगित कर दिया गया। इसके अतिरिक्त, 60 सीटें महिलाओं के लिए और 10 अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित थे। सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी या गठबंधन के पास 265 में से कम से कम 133 सीटें होनी जरूरी है। बता दें कि पाकिस्तान की राजनीति में सेना का अहम प्रभाव रहा है। 1947 में जबसे पाकिस्तान बना है यहां देश की पॉलिटिक्स में सेना के जनरलों का बहुत दखल रहा है।

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